उज्जैन। मोक्षदायिनी माँ क्षिप्रा एवं बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से कत्लखानें, मांस, मदिरा की दुकानें हटाने व उज्जैन को पवित्र करने के लिए स्वर्णिम भारत मंच के आह्वान पर 1100 किमी की पदयात्रा करते हुए राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश उज्जैन आये थे। यहां आने पर रामघाट क्षिप्रा पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कत्लखानें, मांस, मदिरा की दुकानें हटाने का महाराज जी से वादा किया परंतु निश्चित अवधि में कार्यवाही न करने की बात पर महाराजश्री ने कलेक्टर व नगर निगम आयुक्त से मिलने के लिए कहा- 24 घण्टे बाद भी कलेक्टर व नगर निगम आयुक्त राष्ट्रसंत कमलमुनि जी से मिलने नहीं गए तो महाराजश्री मंगलवार को भरी दोपहर में ही कलेक्टर से मिलने निकल गए। यह जानकारी कलेक्टर को लगी तो आनन-फानन में नगर निगम आयुक्त आशीषसिंह को महाराजश्री से मिलने भेजा और महाराज जी को बीच रास्ते में ही रूकवाया। शाम 5 बजे लक्ष्मीनगर स्थित मंदिर में आयुक्त आशीषसिंह व राष्ट्रसंत कमलमुनि महाराज एवं स्वर्णिम भारत मंच के पदाधिकारियों की चर्चा हुई। सहमति बनने के बाद मुनिश्री ने अपना पदविहार प्रारंभ कर नगर से प्रस्थान किया। मंच के दिनेश श्रीवास्तव ने बताय कि राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश जी महाराज 1100 किमी की पदयात्रा करते हुए महाकाल परिक्षेत्र से कत्लखानें हटाने की मांग करने उज्जैन पहुंचे। महाराजश्री ने अपनी पदयात्रा रामघाट क्षिप्रा पर समाप्त की यहां पर उनसे एसडीएम क्षितीज शर्मा, नगर निगम उपायुक्त सुनील शाह, सुबोध जैन एवं अन्य पुलिस अधिकारी मिलने पहुंचे थे। अधिकारियों ने कत्लखाने व मांस की दुकानें हटाने के लिए आश्वासन देकर अपनी पदयात्रा समापन करने की बात कही तो महाराजश्री नाराज हो गए। उन्होंने कहा- जब तक दुकानें नहीं हटेगी तब तक मैं भी नहीं हटूंगा। यहां पर अधिकारियों महाराजश्री से मिलने का समय नहीं दिया तो महाराजश्री नाराज होकर स्वयं ही कलेक्टर कार्यालय जा रहे थे। इस बीच कलेक्टर ने सूचना मिलते ही नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह को महाराजश्री से चर्चा करने के लिए भेजा। गाय पवित्र नगरी से बाहर तो कत्लखानें क्यों नहीं?