क्या Omicron के खतरे के बीच वैक्सीन के बूस्टर डोज़ को मिलेगी मंजूरी ?

नई दिल्ली: सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) के तहत सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने कहा है कि कोरोना वायरस के क्लीनिकल ट्रायल के बगैर बूस्टर डोज की सिफारिश नहीं की जा सकती है. कमेटी, शुक्रवार को हुई एक मीटिंग में बूस्टर डोज के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए आवेदन की समीक्षा कर रही थी. पैनल ने SII से अतिरिक्त डेटा की मांग की है, जिसके बाद वह एक और मीटिंग करेगा.

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) के सामने आने के बीच, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने 1 दिसंबर को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोविशील्ड को बूस्टर डोज के तौर पर ऑथोराइज करने की गुजारिश की थी. SII ने डोज के पर्याप्त स्टॉक और बूस्टर शॉट्स की बढ़ती डिमांड के आधार पर अपने कोविशील्ड वैक्सीन की बूस्टर डोज को प्रशासित करने की अनुमति मांगी थी.

सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी अपील में देश में नए कोरोना वेरिएंट ओमीक्रोन के उद्भव और उससे बढ़ती चिंता से निपटने के लिए कोरोना वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक का हवाला दिया था. SII में सरकार और नियामक मामलों के डायरेक्टर प्रकाश कुमार सिंह ने भी यूनाइटेड किंगडम (UK) की दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों की नियामक एजेंसी का हवाला देते हुए कहा था कि UK की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने पहले ही AstraZeneca ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन की बूस्टर डोज को हरी झंडी दे दी है.

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