नई दिल्ली: दिग्गज वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी Google ने एंड्रॉयड मोबाइल पारिस्थितिकी में अपने वर्चस्व के गलत इस्तेमाल पर आए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के फैसले के खिलाफ NCLAT के समक्ष दाखिल की गई अपील पर सुनवाई करने में देरी को आधार बनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय से राहत की गुहार लगाई है। Google ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी याचिका में कहा है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) उसे अंतरिम राहत देने से इनकार करने के परिणामों का आंकलन करने में विफल रहा है। Google के अनुसार, 'अंतरिम राहत नहीं मिलने पर उसे 14-15 सालों से कायम यथास्थिति में परिवर्तन करने होंगे और 19 जनवरी से उसे अपने पूरे कारोबारी मॉडल को भी बदलना होगा।' Google की इस याचिका पर सोमवार (16 जनवरी) को सुनवाई होने वाली है। इसमें उसने CCI के आदेश के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इनकार करने के NCLAT के कदम को सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है। बता दें कि, प्रतिस्पर्धा आयोग ने अक्टूबर 2022 में Google को प्रतिस्पर्धा को चोट पहुंचाने का दोषी बताते हुए उस पर लगभग 2,200 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसमें से 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना, 97 फीसद मोबाइल फोन में उपयोग होने वाली एंड्रॉयड प्रणाली के संदर्भ में अपने वर्चस्व की स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए लगाया गया था। वहीं 936 करोड़ रुपये का जुर्माना प्ले स्टोर से संबंधित नीतियों को लेकर लगााय गया था। CCI इस आदेश के खिलाफ Google ने NCLAT में अपील की थी, मगर वहां से उसे कोई अंतरिम राहत नहीं मिली। न्यायाधिकरण ने 4 जनवरी को CCI के आदेश पर स्थगन देने से इनकार करते हुए कहा था कि यह अपील आदेश आने के दो माह बाद 20 दिसंबर को की गई है। हालांकि, Google ने इसे नकारते हुए अपनी याचिका में कहा है कि CCI का आदेश 19 जनवरी, 2023 से प्रभावी होने वाला है और उसने इसके एक माह पहले NCLAT में अपील दायर कर दी थी। कंपनी ने कहा है कि अपील के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए उसे दंडित नहीं किया जा सकता है। 'हिन्दुओं की हत्या करो, वीडियो बनाकर भेजो..', हाथ पर 'त्रिशूल' का निशान देख 8 टुकड़ों में काटा दिल्ली: हंसराज कॉलेज में बंद हुआ मांसाहारी भोजन, कभी शाहरुख़ खान ने भी की थी यहाँ पढ़ाई शराब घोटाला: सबूत जुटाने मनीष सिसोदिया के दफ्तर पहुंची CBI, साथ ले गई हार्ड डिस्क