नई दिल्ली: पेरिस ओलिंपिक में एक छोटी सी चूक से बाहर होने वालीं रेसलर विनेश फोगाट, हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले एक नए अवतार में नज़र आई हैं। विनेश फोगट ने शंभू बॉर्डर पर किसानों आंदोलन में शामिल होते हुए उनके प्रति अपना अटूट समर्थन दिखाया और कहा, "आपकी बेटी आपके साथ है"। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने शनिवार को अपने चल रहे विरोध प्रदर्शन के 200वें दिन एक बड़ी सभा के साथ जश्न मनाया। फोगट भी एकजुटता दिखाने के लिए उनके साथ शामिल हुईं। वैसे ये पहले से ही तय माना जा रहा था, जिस हिसाब से कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और अन्य कांग्रेसी विनेश का स्वागत करने पहुंचे थे और सोशल मीडिया पर भी जमकर उनके पक्ष में आवाज़ उठाई जा रही थी, उससे ये स्पष्ट हो गया था कि विनेश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति से जरूर जुड़ेंगी। अब वे विपक्ष द्वारा समर्थित किसान आंदोलन से जुड़ गईं हैं। और राजनीति में प्रवेश करने के लिए आंदोलन सबसे सटीक तरीका है, अरविन्द केजरीवाल इसका बड़ा उदाहरण हैं। उल्लेखनीय है कि, 13 फरवरी से किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं, जब अधिकारियों ने उनके दिल्ली मार्च को रोक दिया था। प्रदर्शनकारी अन्य प्रमुख मुद्दों के अलावा सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। किसान आंदोलन की समर्थक और एक प्रमुख खेल हस्ती फोगट को किसानों ने माला पहनाकर सम्मानित किया। शंभू बॉर्डर पर अपने भाषण में विनेश फोगट ने किसानों के प्रति प्रशंसा व्यक्त की और स्वीकार किया कि वे लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा और दृढ़ संकल्प कम नहीं हुआ है। उन्होंने एक किसान परिवार में जन्म लेने पर गर्व व्यक्त किया और प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि वह उनकी बेटी के रूप में उनके साथ खड़ी हैं। इस दौरान विनेश फोगट ने कहा कि, "मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा, क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगें पूरी हों और आप अपना अधिकार लिए बिना वापस न लौटें।" किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि विरोध शांतिपूर्ण तरीके से लेकिन बहुत तीव्रता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र उनके संकल्प की परीक्षा ले रहा है, और उनकी मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। पंधेर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "हम एक बार फिर सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे और नई घोषणाएं भी की जाएंगी।" उन्होंने जोर देकर कहा कि विरोध के 200 दिन पूरे होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। किसानों ने बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भाजपा से रनौत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया है, जिनकी टिप्पणियों ने पहले भी किसान समुदाय के बीच विवाद और विरोध को जन्म दिया है। कंगना ने कहा था कि, किसान आंदोलन से बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने कि कोशिश कि जा सकती है। हालाँकि, भाजपा ने उनके बयान से किनारा कर लिया था और उन्हें ऐसे बयान ना देने के लिए चेताया भी था। वहीं, सलमान खुर्शीद, संजय राउत जैसे विपक्ष के कई नेता कह चुके हैं कि भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति बन सकती है और लोग प्रधानमंत्री आवास में घुस सकते हैं, नरेंद्र मोदी को भागना पड़ सकता है। किसान नेता भी संसद और दिल्ली घेरने की बातें कर रहे थे, जिसके बाद कंगना ने बांग्लादेश वाली बात कह दी, जो किसान नेताओं को बुरी लगी। बता दें कि, किसानों ने आगामी हरियाणा चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करने का भी संकेत दिया है। वे आने वाले दिनों में अपने अगले कदमों की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं, तथा राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में सक्रिय भूमिका निभाने के अपने इरादे पर जोर देंगे। इससे पहले भी जब दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ था, तब भी किसान नेता राकेश टिकैत ने बढ़-चढ़कर राजनितिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था और विपक्ष के लिए माहौल बनाने की कोशिश की थी। हालाँकि, इसके बावजूद विपक्ष 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव हार गया। तब किसान आंदोलन में शामिल योगेंद्र यादव ने कहा था कि, हमने तो पिच तैयार कर दी थी, विपक्ष को ही इस पर बैटिंग करना नहीं आया। यानी ये स्पष्ट था कि आंदोलन, विपक्ष को सियासी लाभ देने के लिए किया गया था, 700 किसानों की मौत विपक्ष के लिए पिच बनाने में हुई थी। अब वापस हरियाणा चुनाव के पहले किसान नेता कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे हैं, और इसमें अब उन्हें विनेश फोगाट का भी साथ मिल गया है, जो बीते कुछ समय से कांग्रेस के करीब देखी जा रहीं हैं। मॉर्निंग वॉक पर निकले बुजुर्ग पर बदमाशों ने सरेआम की गोलीबारी, मची सनसनी जम्मू कश्मीर चुनाव के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, राहुल गांधी करेंगे अभियान का आगाज़ आखिर कहाँ चूक रही भारत की न्यायपालिका ? अदालतों में लगभग 5 करोड़ केस पेंडिंग