कोलकता: बांग्लादेश में इस समय हिंसा भड़की हुई है। जब से देश की पीएम शेख हसीना ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को कुछ आरक्षण देने का ऐलान किया है, तब से वहां कई लोग सड़कों पर उतर आए हैं और जमकर हिंसा कर रहे हैं। इस हिंसा में अब तक 184 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। बताया जा रहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों में आतंकियों का भी हाथ है। इस बीच हमारे बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान कर दिया है। पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने वाले कानून CAA का पुरजोर विरोध करने वाली ममता ने बांग्लादेशियों के लिए बंगाल के दरवाजे खोलने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि, हम हिंसा से ग्रस्त बांग्लादेशियों को शरण देंगे, जबकि बंगाल से खुद हिंसा पीड़ित हिन्दुओं को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है। साथ ही पहले से भी कई बांग्लादेशी अवैध रूप से बांग्लादेश में रह रहे हैं, जो TMC सरकार में OBC आरक्षण का लाभ उठाकर सरकारी नौकरियों में भी घुस चुके हैं। लेकिन ममता उन्हें निकालने का भी जमकर विरोध करती हैं। अब ममता बनर्जी के इस ऐलान पर खुद बांग्लादेश ने आपत्ति जताई है। सूत्रों की मानें तो, बांग्लादेश ने कहा है कि, आतंकवादी इस तरह की घोषणा का फायदा उठा सकते हैं। सूत्रों ने बताया है कि, बांग्लादेश सरकार ने भारतीय उच्चायोग के समक्ष ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई है। बांग्लादेश ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी, खासकर शरणार्थियों को शरण देने का आश्वासन, कई लोगों, खासकर आतंकवादियों और बदमाशों को इस तरह की घोषणा का फायदा उठाने के लिए उकसा सकता है। इसके अलावा, बांग्लादेश ने उच्चायोग को बताया कि वे स्थिति को सामान्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की ऐसी टिप्पणियां "भ्रामक" हैं। शेख हसीना सरकार ने आगे कहा कि ममता बनर्जी द्वारा संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रस्ताव का जिक्र देश में मान्य नहीं है। वहीं, मंगलवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने भी ममता बनर्जी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई। महमूद ने एक स्थानीय समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि, "पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति पूरा सम्मान रखते हुए, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी टिप्पणियों में भ्रम की काफी गुंजाइश है। इसलिए, हमने भारत सरकार को एक नोट दिया है।" अभी तक इस मामले पर ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया नहीं आई है। ये देखना भी दिलचस्प होगा कि, धर्म के कारण सदियों से प्रताड़ना झेल रहे अल्पसंख्यकों को राहत देने वाले कानून CAA का विरोध करने वालीं ममता बनर्जी बांग्लादेश के इस बयान पर क्या कहेंगी ? जबकि वे दोनों हाथ फैलाकर बंगलादेशियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। गूगल मैप्स ने भारत में 70% तक घटाया चार्ज, जानिए क्या है नई कीमत झुर्रियों से पाना है छुटकारा तो आज से ही शुरू कर दें ये काम 'व्यापक पेपर लीक के कोई सबूत नहीं, इसलिए दोबारा नहीं होगी NEET...', सुप्रीम कोर्ट ने क्या देखकर दिया ये आदेश ?