दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईवे के किनारे शराब के विक्रय पर लगी रोक को हटा दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन की अधिसूचना को स्वीकृति दी है। इसके अनुसार राजमार्गों को डिनोटिफाई कर दिया गया था। जिसके चलते सड़कों से 500 मीटर के क्षेत्र में आने वाली मदिरा के प्रतिष्ठान में विक्रय जारी रह सके। वरिष्ठ न्यायालय द्वारा अधिसूचना को नकार दिया गया था। राज्य द्वारा शराब के प्रतिष्ठानों के संचालन की अनुमति देने हेतु राजमार्गों को अधिसूचना के दायरे से हटाने की बात कही। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर व न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ व न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ द्वारा एनजीओ ने जो याचिका लगाई थी उसे नकार दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का कहना था कि इस तरह का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने 4 जुलाई को मदिरा व्यवसायियों को राहत पहुंचाई। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि इसे नोटिफाई किया जा सकता है इतना ही नहीं मदिरा की दुकानें यहां लगाने के लिए भी न्यायालय ने अनुमति दी। न्यायालय का कहना था कि राजमार्ग और शहर के क्षेत्र वाले राजमार्ग में बड़ा अंतर है। SC ने की हाईवे डिनोटिफिकेशन पर सुनवाई बिहार में शराब बंदी के बाद आया पहला फैसला, दो भाइयों को 5 साल की सजा 1 लाख का जुर्माना विधान सभा में नारे लगाने और पर्चे फेंकने के मामले में हुई सुनवाई