खिलाड़ियों को विश्व रैंकिंग में अच्छा स्थान मिलने पर आगे के मैचों में काफी फायदा मिलता है, उनके लिए बड़े मैचों को जीतने में काफी आसानी होती है. भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी एच.एस. प्रणॉय विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर है, उन्होंने अपनी रैंकिंग से मिलने वाले फायदे के बारे में काफी जानकारी दी है. प्रणॉय ने बताया कि ''एक मुकाम पाने के बाद आप रैंकिंग की जगह टूर्नमेंट जीतने के बारे में सोचते हैं लेकिन यह काफी कुछ रैंकिंग पर निर्भर करता है. अगर आपको बडे टूर्नमेंट में अच्छा ड्रॉ चाहिए तो आपको रैंकिंग में टॉप-10 में रहना होगा. जब ऐसा नहीं होता है तो आप पहले या दूसरे दौर में बड़े खिलाडी के खिलाफ खेलते हैं जिसमें आपका हौसला पस्त हो सकता है. अगर आप शीर्ष-8 में हैं तो आप काफी भाग्यशाली हैं और आप अपनी जरूरत के हिसाब से किसी टूर्नमेंट को छोड सकते हैं और आपको ऐसा करना भी चाहिए.'' बता दे कि इंडोनेशियाई कोच मुल्यो हानदोयो को भारतीय खिलाड़ियों की जिम्मेदारी दी गयी है, प्रणॉय ने भी अपनी जीत का श्रेय हानदोयो को दिया है. उन्होंने बताया कि ''कोच की वजह से काफी बदलाव आए हैं. वह सकारात्मक सोच रखते हैं और कई बड़े खिलाड़ियों के साथ काम कर चुके हैं. उन्हें पता है काम कैसे करना चाहिए. वह 3-4 घंटे के अभ्यास सत्र के दौरान आपके साथ रहते हैं और जब आप थक जाते हैं, वह तब भी हौसला अफजाई करते हैं.'' हॉन्ग कॉन्ग ओपन सीरीज- साइना, सिंधु व प्रणॉय पहुंचे दूसरे दौर में बेंगलुरु ओपन: रामकुमार बाहर, युकी भांबरी क्वार्टर फाइनल में बैडमिंटन- अकाने यामागुची ने जीता खिताब