नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 2023 4 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगा। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हालांकि सर्वदलीय बैठक सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुलाई जाती है, लेकिन इस बार तीन दिसंबर को पांच राज्यों में वोटों की गिनती के कारण इसे एक दिन पहले बुलाया गया है। बता दें कि, विधानसभा चुनाव के नतीजों का उस सत्र पर बड़ा असर पड़ेगा जिसके दौरान सरकार प्रमुख विधेयकों को पारित करने की इच्छुक है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ "कैश-फॉर-क्वेरी" आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट संसद के इस शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश की जाएगी। पैनल द्वारा निष्कासन की सिफारिश लागू होने से पहले सदन को रिपोर्ट अपनानी होगी। इसके अलावा, IPC, CrPC और साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित करने वाले तीन प्रमुख विधेयकों पर सत्र के दौरान विचार किए जाने की संभावना है, क्योंकि गृह संबंधी स्थायी समिति ने हाल ही में तीन रिपोर्टों को अपनाया है। संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है। मानसून सत्र में पेश किए गए इस प्रस्ताव को सरकार ने विपक्ष और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के विरोध के बीच संसद के विशेष सत्र में पारित करने पर जोर नहीं दिया क्योंकि वह CEC और EC की स्थिति को कैबिनेट के बराबर लाना चाहती है। सचिव। वर्तमान में, उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है। बंगाल में अडानी ग्रुप को पोर्ट का ठेका ! क्या INDIA गठबंधन से अलग चल रहीं ममता बनर्जी ? बिहार में 65% आरक्षण पर कानून तो बन गया, लेकिन क्या दे सकेगी नितीश सरकार ? इस कानूनी चुनौती को करना होगा पार क्या दक्षिण भारत में जन्म ले रहा 'कांग्रेस-विरोधी' मोर्चा ? सीएम स्टालिन का अखिलेश यादव को निमंत्रण, राहुल-खड़गे का बहिष्कार !