नई दिल्ली: भारतीय IT दिग्गज विप्रो (WIPRO) ने अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इन सभी कर्मचारियों को Moonlighting यानी एक साथ दो जगह नौकरी करने की वजह से निष्काषित किया गया है। विप्रो के चेयरमैन रिषद प्रेमजी ने बुधवार (21 सितम्बर) को अखिल भारतीय प्रबंधन संघ द्वारा आयोजित किए गए एक सम्मेलन में कहा कि कर्मचारी अपने दूसरे या वीकेंड के काम के संबंध में संगठन के साथ पारदर्शी चर्चा कर सकते हैं। मगर, हमने 300 ऐसे कर्मचारियों की तलाश की है, जो प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धियों के लिए काम कर रहे थे। उनके लिए हमारी कंपनी में कोई स्थान नहीं है। बता दें कि, रिषद प्रेमजी Moonlighting के मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने पहले ही यह साफ कर दिया था कि कंपनी में ऐसे कर्मचारियों के लिए कोई स्थान नहीं है। बुधवार को उन्होंने कहा कि उन्हें moonlighting पर अपनी बात कहने के बाद भारी मात्रा में हेट मेल प्राप्त हुए, मगर वह अपनी बात पर कायम हैं। बता दें कि, मूनलाइटिंग का मतलब है कि, एक वक़्त में एक से अधिक काम करना और दूर से काम करना (वर्क फ्रॉम होम), जो कोरोना काल के दौरान एक आदर्श बन गया और अभी भी कई कार्यस्थलों पर प्रचलित है। बता दें कि moonlighting work तब सुर्ख़ियों में आया था, जब हाल ही में रिषद प्रेमजी ने एक ट्वीट में इस प्रथा की तुलना धोखाधड़ी से की थी। उन्होंने कहा था कि IT उद्योग में moonlighting करने वाले लोगों के संबंध में काफी सारी बकवास है, मगर सीधे या सरल शब्दों में कहें तो यह धोखा है। बाद में अन्य IT फर्मों ने भी ऋषद प्रेमजी के विचारों का समर्थन करते हुए इस मुद्दे पर टिप्पणी की। मीडिया में हेट स्पीच पर लगेगी लगाम ! सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज एंकरों की भूमिका पर ही उठाए सवाल शराब, बस के बाद अब टॉयलेट घोटाले में फंसी केजरीवाल सरकार, जिसपर खुद बैन लगाया, उसे ही दे दिया ठेका इंदौर में भी पनपने लगा आतंकवाद, PFI के ठिकानों पर NIA की रेड, 3 गिरफ्तार