नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरा चरण के अब केवल 4 दिन शेष हैं. ऐसे में केंद्र सरकार इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) बिल 2023 सहित 3 मुख्य प्रस्तावित कानूनों के लिए संसद की स्वीकृति लेने की कोशिश में लगी हुईं है. राज्य सभा में इन 3 बिलों पर चर्चा करने के लिए 2-2 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन बिनल के अलावा जो दो बिल हैं, वो जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक 2022 और प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022 हैं. बता दें कि, संसद के मौजूदा बजट सत्र में अधिक कामकाज नहीं हो पाया है, क्योंकि इस सत्र में अडानी मामले में JPC जांच की मांग और राहुल गांधी की बयानों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में हंगामा होता रहा. लिहाजा, लोकसभा और राज्यसभा में सिर्फ बजट प्रस्तावों को ही स्वीकृति मिल पाई. इसमें वित्त विधेयक 2023 को बगैर चर्चा के पास कर दिया गया. वहीं, रक्षा सेवाओं से जुड़ा केवल एक विधेयक पेश किया गया. बता दें कि इंटर सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन बिल पिछले सप्ताह लोकसभा में पेश किया गया था. इस बिल के पारित होने के बाद कमांडर-इन-चीफ को अपने कर्मचारियों पर प्रशासनिक और अनुशासनात्मक अधिकारों का उपयोग करने की शक्ति मिल जाएगी. अभी डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज का कोई नौसेना अधिकारी या कर्मचारी किसी अपराध में शामिल पाया जाता है, तो जनरल उसे नौसैनिक संगठन में भेज देते थे, जहां उसपर नौसेना कानून 1957 के तहत कार्रवाई होती थी. इस बिल को लबें समय से पारित किए जाने का इंतजार है. इस बीच बता दें कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में विचार कर रही है. कांग्रेस पार्टी ने ओम बिरला पर पक्षपात का इल्जाम लगाया है. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस कई विपक्षी पार्टियों के भी संपर्क में है. संसद से संबंधित मामले देखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव तभी लाया जा सकता है, जब लोकसभा की कार्यवाही सही तरीक से चल रही हो, किन्तु यहाँ तो हंगामा हो रहा है. आंध्र प्रदेश के सीएम जगन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, राजधानी से जुड़ा है मामला भ्रष्टाचार विरोधी PMLA एक्ट पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट, कांग्रेस नेता की याचिका पर ED को नोटिस कर्नाटक चुनाव का ऐलान आज, 11 बजे निर्वाचन आयोग की PC