जयपुर: राम मंदिर के निर्माण को लेकर कई लोग बढ़चढ़कर अपना सहयोग दे रहे है, वही एक अनोखी घटना सामने आई है राजस्थान के जोधपुर से, जी हां, राम भक्ति में समर्पित एक ऐसा वाक्या सामने आया जो आपने पगले शायद ही सुना होगा। दरअसल, जोधपुर की रहने वाली आशा वैसे तो अब इस दुनिया मे नहीं रहीं किन्तु मरने से पहले उन्होंने अपने सारे आभूषण राम मंदिर के नाम कर दिए। उनकी आखिरी इच्छा थी कि उनके अंतिम संस्कार से पहले वो आभूषण राम मंदिर निर्माण के काम आएं। दरअसल, राम मंदिर के तहत से जोधपुर में समर्पण निधि जुटाने वाले प्रान्त प्रचारक हेमन्त के पास 4 फरवरी को फ़ोन आया तथा बोला गया कि मैं विजय सिंह बोल रहा हूं एवं मेरी पत्नी आशा, राम मंदिर के लिये सारे आभूषण देना चाहती थीं। आज वो दुनिया को अलविदा कहकर चली गयी हैं। इसके पश्चात् विजय सिंह का गला रुंध गया तथा कुछ कह नहीं पाए, फिर रोते हुए कहा, आप आएं और उसके अंतिम संस्कार से पहले उसके गहने ले जायें। उसकी आखिरी इच्छा थी कि उसके सारे गहने प्रभु श्री राम को दिए जाएं। ये सुनकर प्रान्त प्रचारक हेमन्त सन्न रह गए। फिर हेमन्त ने बोला, आप अंतिम संस्कार करवाएं, हम उनकी इच्छा पूर्ण करेंगे। आशा ने 1 फरवरी को अपने पति विजय और बेटे मनोहर को बोला था कि प्रभु श्री राम मंदिर के लिए वो अपने सारे आभूषण देना चाहती हैं। बेटे मनोहर ने मां की आखिरी इच्छा मानते हुए कहा कि मैं पता करके बताऊंगा क‍ि आभूषण कैसे दिए जा सकते हैं। तत्पश्चात, परिवार के लोगों ने सम्पर्क किया तो नियमों के तहत आभूषण नहीं लिए जा सकते। तब परिवार ने 15 तोला सोना एवं 23 ग्राम चांदी सुनार को बेचकर 7,08,521 रुपये प्राप्त किये तथा विजय ने राम नाम की लिखी कॉपियां दान में दीं। ओबामा के लिए बनाए गए जूतों की नीलामी कर रही है ये कंपनी, कीमत 18 लाख से अधिक मिस्त्र में पाया गया अब तक का सबसे पूराना खजाना, जानिए क्या है राज जिन महिलाओं की तस्वीर को पति ने किया था लाइक, पत्नी ने उसे प्रिंट कराकर दिया वैलेंटाइन गिफ्ट