अबुजा: नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में 38 डिग्री की चिलचिलाती गर्मी में पसीने से तरबतर एक महिला ट्रैफिक संभालने में लगातार जुटी हुई हैं. यह कोई ट्रैफिक पुलिस अफसर नहीं जबकि जस्टिस मोनिका डोंगबन-मेंसेम हैं. इसके बेटे की कार एक्सीडेंट में मौत के पश्चात् से ही उन्होंने अबुजा का ट्रैफिक सुधारने का बीड़ा उठाया लिया है. बीते 8 साल से कोर्ट बंद होते ही वे ट्रैफिक नियंत्रित करने पहुंच जाती हैं. मोनिका के अनुसार, ड्राइवरों को ट्रेनिंग-ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं है, इसलिए बड़े हादसे होते हैं. उन्हें लगता है कि उनकी कोशिश से कुछ लोग भी सुधर जाएं तो उनकी मेहनत सफल हो जाएगी जस्टिस मोनिका डोंगबन-मेंसेम ने कहा कि, ‘‘2011 में बेटे क्वाप्डास के एक्सीडेंट की खबर मिली थी जब तक पहुंची, वह दम तोड़ चुका था. वही आसपास के लोगों से बात की तो पता चला एक कार ने टक्कर मारी थी. जिसकी वजह से दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हो गए थे. यदि उसे समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो वह बच सकता था. जिस जगह दुर्घटना हुई, वहां सड़क की बनावट भी खराब थी. पता चला कई बार शिकायत के पश्चात् भी सड़क सुधारी नहीं गई. मैं यह तो नहीं जानती कि मेरे बेटे को किसने मारा, पर मैं चाहती हूं, किसी और मां की गोद न उजड़े इसलिए मैंने समस्या की जड़ में मिटाना का फैसला किया हैं.’’ वही ट्रैफिक नियमो कि कमी के कारण कई हादसे होते हैं लोगो को नियम भी पता नहीं थे. मैंने ट्रैफिक विभाग से ट्रैफिक ऑफिसर की ट्रेनिंग ली, फिर स्थानीय कार-भारी वाहन के ड्राइवरों को सिखाना प्रारम्भ कर दिया. इसके पश्चात् क्वाप्डास रोड सेफ्टी डिमांड नाम से संस्था शुरू की. जहां पर ड्राइवरों को सड़क सुरक्षा के बारे में मुफ्त सिखाया जाता है. वे जल्द ही एक स्कूल खोलने जा रही हूं, जहां ड्राइविंग मुफ्त में सिखाई जाएगी.उन्होंने यह भी बताया कि इससे मेरे बेटे की आत्मा को सुकून मिलेगा. वह दुनिया में कही भी होगा मुझे धन्यवाद देगा. अभी ख़त्म भी नहीं हुआ है Corona का कहर और ब्राज़ील में मिल गया सबसे बड़ा Yaraviru चलती फ्लाइट में महिला यात्री के साथ बदतमीजी, इस एयरलाइन्स पर दर्ज हुआ केस सफल हुआ एक्सपेरिमेंट, जल्द आएगा कोरोना वायरस का एंटीडोट