चेन्नई: एक महिला ने खुद को जयललिता की जैविक संतान बताते हुए अदालत से डीएनए परीक्षण कराने का आग्रह किया है, मामला मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन की अदालत में है. जयललिता की बेटी होने का दावा करने वाली महिला के केस के लिए कोर्ट ने शुक्रवार को अपोलो अस्पताल को नोटिस जारी किया जिसमे पूछा गया कि क्या उसके पास दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के ‘जैविक नमूने ’ संरक्षित है या नहीं. न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन की कोर्ट में महिला के आवेदन में दावा किया गया है कि उसे जयललिता की बहन और उसके पति को गोद दे दिया गया था, उसका लालन पालन करने वाले पिता ने पिछले साल मार्च में अपनी मृत्यु से पहले इस बारे में उसे बताया था. उसने अदालत से जमीन खोदकर जयललिता का शव निकालने का निर्देश देने तथा उसे एवं उसके परिवार को उनका दाह संस्कार करने की इजाजत देने की मांग की क्योंकि जयललिता अयंगर ब्राह्मण थीं. महिला के वकील ने कहा है कि डीएनए मिलान के लिए यह जानना जरूरी है कि क्या अपोलो अस्पताल ने जयललिता के जैविक नमूने संरक्षित कर रखे हैं जहां 75 दिन तक भर्ती रहने के बाद दिसंबर, 2016 में उनका निधन हो गया था. वकील ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में अस्पताल को नोटिस भेजा था लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तब उन्हें अदालत आना पड़ा. पीएम मोदी आज 'अम्मा स्कूटर योजना' को करेंगे लांच छात्र ने ही किया शिक्षिका के साथ ये गन्दा काम मुंगावली-कोलारस उप चुनाव में मतदान आज