मेंगलुरु : स्पेन से भारत की यात्रा पर आई एक पर्यटक कोरोना लॉकडाउन में फंसीं तो उन्होंने कर्नाटक में हिंदुस्तानी किसानों से खेती का कार्य सीखना प्रारंभ कर दिया. पेशे से इंडस्ट्रियल डिजाइनर वेलेंसिया से कर्नाटक के उडुपी के सफर पर आई थीं. लेकिन उनके निवास लौटने से पहले ही भारत में कोरोना वायरस प्रारंभ हो गया और लॉकडाउन के वजह से वह यहीं पर फंस गईं. ऐसे समय में जब देश में विदेश फ्लाइट्स बंद हैं, ऐसे में वह कन्नड़ लैंग्वेज और खेती के गुर सीख रही हैं. 34 वर्ष की ट्रेसा सेरियानो अब कन्नड़ लैंग्वेज बोलना सीख गई हैं और अपने फ्रेंड के निवास में रहकर देश के विभिन्न-विभिन्न रंग देख रही हैं. एक खास चर्चा में ट्रेसा ने बोला कि मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं क्योंकि मुझे ग्रामीण देश में रहने का अवसर मिला है. शहरों के मुकाबले कोरोना काल में गांव अधिक सेफ हैं. मैं यहां गाय का दूध निकालना, धान की रोपाई करना और रंगोली बनाना सीख रही हूं. ये सब बहुत खास है और मेरे लिए ये एक बहुत खास अनुभव है. इस बारें में ट्रेसा का बोलना है कि उन्होंने अपने भाई के बोलने पर भारत देश की यात्रा करने का निर्णय लिया था. उनके भाई के फ्रेंड कृष्णा पुजारी उडुपी में रहते हैं और उनसे मिलने के लिए ही वह मार्च माह में भारत और श्रीलंका की यात्रा पर आई हुई थीं. इसी बीच लॉकडाउन हो गया और अब विदेशी उड़ानों के ना चलने के वजह से वह यहीं पर ठहरी हुई है. कोरोना की मार से 'खाकी' बेहाल, मध्यप्रदेश में 250 पुलिसकर्मी संक्रमित यूपी की कैबिनेट मंत्री कमल रानी की कोरोना से मौत, सीएम योगी ने जताया शोक मुझसे शादी करो वरना दुष्कर्म का केस कर दूंगी.... 19 वर्षीय छात्र को 10 साल बड़ी युवती की धमकी