महिला दिवस: हर क्षेत्र में झंडे गाड़ती, देश की 'जांबाज़ बेटियां'

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ये जानना जरूरी है कि देश की बेटियां किन-किन क्षेत्रों में झंडे गाड़ रही हैं. तो आईये सबसे पहले बात करते हैं सेना की. चंद साल पहले तक किसी ने यह सोचा भी नहीं था, कि देश की बेटियां फाइटर प्लेन उडाएंगी लेकिन आज यह हकीकत है. आज जमीनी सरहद से लेकर समुद्री सरहद तक महिलाएं देश की सेवा कर रही हैं, और दुनिया उनका लोहा भी मान रही है. इन्ही में एक नाम है फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी का, जिन्होंने मिग-21 बाइसन को अकेले ही उड़ाकर ये कारनामा किया.

अगर खेल की बात करें तो उसमे भी भारतीय महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं, चाहे वो जिम्नास्टिक्स वर्ल्ड कप में में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट 'अरुणा बी रेड्डी' हो या एशिया कप में शानदार प्रदर्शन कर फोर्ब्स की मैगज़ीन में अपना नाम दर्ज करवाने वाली भारतीय हॉकी टीम की गोलकीपर   सविता पूनिया हो. महिला क्रिकेट में भारत का नाम ऊंचा करने वाली मिथाली राज के बारे में तो आप जानते ही हैं, जिन्होंने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ महिला क्रिकेट का सर्वाधिक स्कोर 214 रन बनाकर यह कीर्तिमान अपने नाम किया था. 

खेल और सेना के अलावा हमारे देश की महिलाएं चिकित्सा के क्षेत्र में भी झंडे गाड़ रही हैं, हम बात कर रहे हैं अरुणिमा पटेल कि, जिन्होंने अपनी आणविक परिक्षण सेवा से चिकित्सा जगत में तहलका मचा दिया है. इससे रोगी के शरीर में इंफेक्शन के कारण को मात्र 4 घंटे के भीतर पता लगाया जा सकता है जिससे उसकी जान बचने की सम्भावना बढ़ जाती है. अरुणिमा का नाम भी फोर्ब्स की शक्तिशाली महिलाओं की सूचि में शामिल है. इन सभी नारी शक्तियों को न्यूज़ ट्रैक का सलाम.

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