तेलंगाना में शुरू हुआ जाति गिनने का काम..! जयराम रमेश बोले- ये क्रांतिकारी कदम

हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने आज जाति-आधारित सर्वेक्षण की शुरुआत की है, जिसे कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्य के लिए "ऐतिहासिक और क्रांतिकारी" कदम बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया कि अगले कुछ हफ्तों में 80,000 गणनाकर्ता तेलंगाना के 33 जिलों में 1.17 करोड़ से अधिक घरों का सर्वेक्षण करेंगे। 

यह सर्वेक्षण 1931 के बाद पहली बार किया जा रहा है, और इसका उद्देश्य तेलंगाना आंदोलन के लक्ष्यों और संविधान में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के आदर्शों को पूरा करना है। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि राहुल गांधी द्वारा हाल ही में हैदराबाद में जताई गई राष्ट्रीय जाति जनगणना की योजना का यह आधार तैयार करेगा।

इस जाति-आधारित सर्वेक्षण में समाज के विभिन्न वर्गों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, आय, राजनीतिक और जातीय स्थिति का आकलन किया जाएगा, जो तेलंगाना ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल साबित हो सकता है। कांग्रेस नेता रुद्र संतोष कुमार को इस सर्वेक्षण के समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। वे 'कनेक्ट सेंटर' के प्रमुख भी हैं, जिसका उद्देश्य इस सर्वेक्षण को जमीनी स्तर तक पहुँचाना और जागरूकता बढ़ाना है।

'कनेक्ट सेंटर' का मुख्यालय तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में बनाया गया है। यहां से सभी जिलों और मंडल स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय किया जाएगा। इस सेंटर के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को सर्वेक्षण के महत्व और उसके लाभों पर जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा और जरूरी संसाधन और सामग्री वितरित की जाएगी ताकि वे जनता को इस सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए प्रेरित कर सकें। 

हालाँकि, अब ये तो सर्वेक्षण की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि कांग्रेस ने राजनीति करते हुए सिर्फ हिन्दुओं को जाति में विभाजित किया है, या फिर उसने अन्य समुदायों की भी जाति पूछी है, क्योंकि दलित-पिछड़े भारत के हर समुदाय   में पाए जाते हैं और इसी आधार पर वे आरक्षण का लाभ भी लेते रहे हैं। इस्लाम में 73 फिरके हैं, ईसाईयों में कैथोलिक, प्रोटोस्टेंट, यहोवा साक्षी, पेंटकोस्ट, ऑर्थोडॉक्स आदि हैं, वहीं बौद्धों में भी हीनयान, महायान आदि हैं। अगर ये सचमुच अच्छी नियत से जाति गिनने का सर्वेक्षण है, तो इसमें सब शामिल होंगे, वरना इसके बाद होगी हिन्दुओं को विभाजित करने की राजनीति, जिसका सहारा लेकर विपक्षी दल सत्ता तक पहुँचने की कोशिश करेंगे। 

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