World Asthma Day: अस्थमा के लक्षण, कारण और उपाय

अस्थमा एक ऐसी बिमारी जो किसी भी उम्र में हो जाती है और बदलते मौसम के कारण इसके होने के कई प्रकार होते हैं. गर्मियों के मौसम में बाहर चलने वाली धूल, उड़ने वाली गर्म हवाएं, अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक होती हैं. अस्थमा का हिंदी नाम दमा हैं जो दुनिया में कई लोगों को हैं. दमा की वजह से कई बार सांस लेने में दिक्कत होती हैं इसी वजह से लोगो को अपना ख़ास ध्यान रखना पड़ता हैं.

अस्थमा की बिमारी को दो भागों में विभाजित किया जाता हैं पहला विशिष्ट और दूसरा गैर विशिष्ट. दोनों ही अलग-अलग तरह के होते हैं और दोनों के लक्षण भी अलग-अलग ही होते हैं. विशिष्ट अस्थमा जब होता हैं तो सांस लेने में परेशानी होती हैं और गैर विशिष्ट अस्थमा जब होता हैं तो वह मौसम की वजह से या फिर अनुवांशिक पृवत्ति के कारण होता है. अस्थमा आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे हवा का प्रदूषण प्रभाव, घर का धूल भरा प्रदूषण, जानवर, सड़को पर उड़ने वाली धूल, सर्दी, शराब पीना, धूम्रपान, महिलाओं में होने वाला हर्मोनल बदलाव, विशेष दवाएं, सर्दी के मौसम की ठंड आदि. इसी के साथ कुछ ऐसे कारण भी होते हैं जिनसे अस्थमा होता है जैसे तनाव, जंक फ़ूड खाना, नमक ज्यादा खाना, आनुवंशिकता के कारण, डर लगने के कारण.

अब इसके लक्षणों की बात की जाए तो वह कुछ इस तरह होते हैं - जैसे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है. उसके सीने में जकड़न महसूस होती है. जब किसी को अस्थमा होता है और वह सांस लेता है तो घरघराने की आवाज आती है, सांस लेते वक्त ऐसे लोगों को पसीना भी आता है. बेचैनी भी महसूस होती है और साथ ही सर भारी महसूस होता है.

अगर आप इसका घरेलू उपचार अपनाना चाहते है तो आप दो चम्मच आंवला का पाउडर लेकर उसमे शहद मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें और उसके बाद हर सुबह उस मिश्रण को खाएं, आपका अस्थमा दूर हो जाएगा.

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