नई दिल्ली : भारत में वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक आधिकारिक घोषणा में कहा है की भारत के उत्तर से पूर्वी क्षेत्र की ओर माल ढुलाई को तेज और सक्षम बनाने के लिए हमने बुधवार को "ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर" बनाने के लिए 65 करोड़ डॉलर (करीब 3900 करोड़ रुपए) का लोन मंजूर किया। ईस्टर्न कॉरिडोर 1,840 किलोमीटर लंबा है, जो लुधियाना से कोलकाता के बीच तैयार हो रहा है। वर्ल्ड बैंक ने इस कॉरिडोर के लिए यह तीसरा लोन स्वीकृत किया है। लोन की रकम का इस्तेमाल यूपी, हरियाणा और पंजाब में लुधियाना-खुर्जा सेक्शन निर्माण पर किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए 97.5 करोड़ डॉलर का पहला लोन वर्ल्ड बैंक ने मई, 2011 में स्वीकृत किया था। इसके बाद 1.1 अरब डॉलर का दूसरा लोन अप्रैल, 2014 में मंजूर किया गया था। वर्ल्ड बैंक की इस घोषणा से भारत में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे व देश की आर्थिक सुदृढ़ता भी और अधिक मजबूत होगी. खबर के अनुसार वर्ल्ड बैंक कंट्री डायरेक्टर (भारत) ओन्नो रूहल के मुताबिक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्यक्रम लागू होने से भारत में दुनिया का सबसे बड़ा फ्रेट ऑपरेशन संचालित होने लगेगा। यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से गुजरेगा, जिससे वहां रोजगार के मौके बढ़ेंगे और विकास को रफ्तार मिलेगी। तथा वहा के लोगो को और अधिक सक्षम बनाने में मदद मिलेगी जो भारत के लिए अच्छी बात है.