वाशिंगटन: बेहतर निवेश और निजी खपत के बलबूते पर भारत आने वाले वक़्त में भी सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली मुख्य वैश्विक अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, अगले तीन वर्ष तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.50 फीसद रह सकती है। वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट ऐसे वक़्त आई है, जब केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े सामने आने के बाद मोदी सरकार को तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सीएसओ के डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 5 वर्ष के न्यूनतम स्तर 5.80 फीसद पर आ गई। यह चीन से कम है। सीएसओ ने अपनी रिपोर्ट में एग्रीकल्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टरों में वृद्धि दर कमज़ोर पड़ने को आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को जारी की गई वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की ग्रोथ 7.20 फीसद रह सकती है। 2018 में चीन की वित्तीय वृद्धि दर 6.60 फीसद रही। इस दर के गिरकर 2019 में 6.20 फीसद, 2020 में 6.10 फीसद और 2021 में 6 फीसद पर आने का अनुमान जताया जा रहा है। इसके साथ ही भारत विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन के 6 फीसद की तुलना में डेढ़ फीसद ज्यादा होगी। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.50 फीसद पर रहने का अनुमान जताया गया है। वर्ल्ड बैंक ने अपने पिछले पूर्वानुमान में भी 2019-20 में वृद्धि दर 7.50 फीसद रहने का अनुमान जताया था। उसने कहा है कि इसके बाद आगामी दो वित्त वर्ष तक वृद्धि दर की यही गति कायम रहने वाली है। हाफिज सईद पर पाक सरकार की सख्ती, गद्दाफी स्टेडियम में नहीं पढ़ सका ईद की नमाज़ पाकिस्तान की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए, सेना ने लिया रक्षा बजट में कटौती का निर्णय भारत पहुंचे पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद