नई दिल्ली : नए वित्त वर्ष में भारत के बाजार को अच्छी खबर मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। दरअसल, वर्ल्‍ड बैंक के अनुसार भारत के निवेश और निर्यात में सुधार की वजह से जीडीपी दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंचने के आसार हैं। वर्ल्ड बैंक ने दक्षिण एशिया की रिपोर्ट पर कहा कि पहली तिमाही के आंकड़ों से पता चला है कि भारत की ग्रोथ शानदार रही है। सप्ताह के पहले दिन कमजोरी के साथ हुई रूपये की शुरुआत अब तक इतनी हुई बढ़ोतरी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है और ये ग्रोथ बढ़कर 7.9 फीसदी पर आ गई है। पिछले कुछ समय से सर्विस सेक्टर में जो कमी आई है, इस ग्रोथ ने इसकी भरपाई कर दी है। कृषि क्षेत्र में भी जीडीपी का असर देखने को मिला है। कृषि क्षेत्र की ग्रोथ दर में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ मजबूती आई है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश में मजबूत स्थिती की बजह से आने वाले समय में खाद्य कीमतों में सुधार से मुद्रास्फीति 4 फीसदी तक जा सकती है। चीन से आयात में नजर आई गिरावट, निर्यात में मजबूती खाद्य वस्तुओं पर असर जानकारी के मुताबिक जुलाई 2018 से खाद्य वस्तुओं के दाम में गिरावट आई थी और तेल के दाम भी कम हो गए थे। जिसकी वजह से महंगाई में कमी आई थी। विश्व बैंक ने ये भी बताया है कि सकल मुद्रास्फीति फरवरी 2019 में 2.6 फीसदी रही और वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह औसतन 3.5 फीसदी रही। यह रिजर्व बैंक के चार फीसदी के लक्ष्य से कम है। यही वजह है कि रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कटौती की है। रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार रेपो दर में 0.25 बेस प्‍वाइंट की कटौती की है। गर्मी आते ही बढ़ने लगे खाद्य वस्तुओं के दाम प्रभु ने की एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत 2030 तक भारत बन सकता है विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : अरुण जेटली