नई दिल्‍ली : मनाली में 10,000 फ़ीट की ऊंचाई पर बन रही विश्व की सबसे लंबी व अत्याधुनिक 'अटल टनल' (Atal Tunnel) का निर्माण कार्य बस ख़त्म होने ही वाला है, जिस पर देश के साथ ही पूरे विश्व की नजर टिकी हुई है. हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में प्रति वर्ष 5 से 6 महीने तक कैद में रहने वाली 36,000 से अधिक की कव्वाली आबादी को इस टनल जिंदगी का रास्ता देने वाली है. मनाली-लेह मार्ग पर अभी बरालाचा पास, शिनकुला, तंगलांगला में टनल के निर्माण पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. अटल टनल के बनने से इस प्रस्तावित टनल के निर्माण में मदद मिलेगी. हिमाचल प्रदेश में मनाली के निकट 15,000 फीट ऊंचे पहाड़ के ठीक नीचे बन रही अटल टनल का साल 2010 से बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) निर्माण कार्य कर रहा है. माइनस 23 डिग्री सेल्सियस में हड्डी गला देने वाले तापमान में BRO के इंजीनियर इस टनल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए पिछले 10 सालों से काम में लगे हुए हैं. 2017 में टनल के दोनों छोर मिलने के बाद अब तक तक़रीबन 7,000 से फंसे लोगों को यह टनल सुरक्षित बचा चुकी है. बीते 25 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने रोहतांग टनल का नाम बदलकर अटल टनल करने का ऐलान किया था. इसके साथ ही इस टनल का उल्लेख पूरे देश के सामने विस्तार से किया था. NPR पर गृह मंत्रालय की बैठक में शामिल नहीं हुआ बंगाल, किया मीटिंग का बहिष्कार राजीव बिंदल ने भरा नामांकन, सीएम जयराम ठाकुर ने सरकार की और से दी शुभकामनाएं चौथी अमेरिकी कंपनी बनी अल्फाबेट, छुआ एक लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप