आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस? जानिए इसके पीछे का इतिहास

आज पूरी दुनिया में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है... वही पृथ्वी एक ऐसा गृह है जिसे कि मां के तौर पर देखा जाता है क्योंकि यह हम सभी को पालती है, हमारा पोषण करती है किन्तु दिन-प्रतिदिन पृथ्वी के हालात दयनीय होते जा रहे है। ओजोन लेयर में छेद हो चुका है ,जलवायु परिवर्तित हो रही है, इंसान पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों से भाग रहा है, यही वजह है कि विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके दुनियाभर के व्यक्तियों का ध्यान इस और आकर्षित करने को कोशिश की जाती है। इसे विश्वभर के 195 देशों द्वारा मनाया जाता है। 

विश्व पृथ्वी दिवस का इतिहास:- पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का ख्याल अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को आया था। 22 अप्रैल 1970 को प्रथम बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। आगे चलकर इस दिन को मनाने के फैसले को कई सारे देशों ने सहर्ष स्वीकारा। नेल्सन द्वारा इस दिन का आरम्भ पृथ्वी के गुणों का सम्मान करने और साथ ही लोगों के मध्य प्राकृतिक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए की गई। उन्होंने लोगों को यह संदेश दिया कि मनुष्य को अगर पृथ्वी पर रहना है तो उसे इसके विषय में सोचना होगा। 

इसे मनाने का उद्देश्य:- पृथ्वी पर जैसे-जैसे आबादी बढ़ते जा रही है, यहां प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, बढ़ते असंतुलन की वजह वो दिन अब दूर नहीं है जब पृथ्वी रहने की जगह नहीं बचेगी इसलिए आवश्यक है कि सही वक़्त पर सभी लोग जाग जाएं तथा अपनी जिम्मेदारियों को समझें तथा पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्य निभाएं इसी लक्ष्य के साथ बीते 50 वर्षों से संपूर्ण विश्व में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। 

विश्व पृथ्वी दिवस 2021 का विषय:- हर साल विश्व पृथ्वी दिवस के लिए एक विषय तय किया जाता है। इस साल की थीम पृथ्वी को पुनर्स्थापित करना रखी गई है। पृथ्वी को स्वस्थ बनाने के लिए, उस को पहले की भांति बनाने के लिए जो कुछ भी विश्व कर सकता है, उस पर विचार किया जाएगा। बीते साल विश्व पृथ्वी दिवस का विषय जलवायु कार्रवाई था जो कि वास्तव में एक अहम मसला है। प्रतिवर्ष आयोजक एक नया विषय रखते हैं। 

ऐसे मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस:- विश्व पृथ्वी दिवस के दिन सबसे पहले तो लोग पृथ्वी का धन्यवाद करते हैं कि उन्हें ऐसा एक गृह प्राप्त हुआ जहां पर जीवन मौजूद है। जीने के लिए जरुरी प्रत्येक संसाधन उपस्थित है। इस मौके पर विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रतियोगिताएं होती हैं। विद्यालय तथा महाविद्यालयों में भाषण, निबंध एवं स्लोगन आदि प्रतियोगिताएं होती हैं। वरिष्ठ जन सेमिनारों को संबोधित करते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योजनाएं तैयारी होती हैं।  

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