पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनते हैं देश के ये सबसे बड़े चिड़ियाघर

आज तक आप सभी ने कई चिड़ियाघर घूमे होंगे। वैसे बचपन में यहाँ जाना बहुत पसंद आता था केवल यही नहीं बल्कि स्कूल का ट्रिप भी कई बार चिड़ियाघर ही जाता हैं। वैसे देश के हर बड़े शहर में आपको चिड़ियाघर मिल जाएगा, लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको देश के कुछ बड़े चिड़ियाघर की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें दुनियाभर में प्रसिद्धि मिली हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में। 

दिल्ली का चिड़ियाघर- एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित दिल्ली का चिड़ियाघर। जी हाँ और इस चिड़ियाघर को 1959 में बनाया गया था जिसका डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। आपको बता दें कि इस चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय है, जहां से पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।

मैसूर का चिड़ियाघर- कर्नाटक के मैसूर में स्थित चिड़ियाघर दुनिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। जी हाँ और इस चिड़ियाघर का निर्माण 1892 में शाही संरक्षण में हुआ था। जी हाँ और इस चिड़ियाघर में 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को देखा जा सकता है। जी दरअसल यहां हाथी, सफेद मोर, दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला के अलावा देश-विदेश की कई प्रजातियां हैं।

असम का चिड़ियाघर- गुवाहाटी स्थित असम राज्य में चिड़ियाघर की स्थापना 1957 में हुई थी। जी हाँ और यह पूर्वात्तर राज्य का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है, जो लगभग 1।75 किलोमीटर में फैला है। आपको बता दें कि यहां रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई देशी और विदेशी पशु और पक्षी हैं।

ओडिशा का चिड़ियाघर- ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित नंदनकानन चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक हैं। यह चिड़ियाघर 400 हैक्टेयर में फैला हुआ है, जिसे 1979 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। यह एक चिड़ियाघर होने के साथ-साथ एक बॉटनिकल गार्डन भी है। इस चिड़ियाघर में जानवरों की करीब 126 प्रजातियाँ मौजूद हैं। इसके अलावा यहां कई तरह के जंगली जानवरों और दुर्लभ पेड़-पौधों को देखे जा सकते हैं।

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