विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस (WHD) हीमोफ़ीलिया एवं अन्य आनुवंशिक खून बहने वाले विकारों के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल 17 अप्रैल को सेलिब्रेट किया जाता है। यह 'विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफ़ीलिया' की एक पहल है। इस वर्ष 29वां WHD है। WHD वर्ष 2018 का विषय 'जानकारी बांटना हमें सबल बनाता है'। ‘WHD’ विकार और देखभाल की पहुँच और उपचार के बारे में जानकारी बांटने के महत्व पर ध्यान देने का मौका देता है; जिससे परिवार, मित्र, सहकर्मी और देखभालकर्ता आनुवंशिक खून बहने वाले विकारों से पीड़ित व्यक्ति को सहयोग देने के लिए मिलकर कार्य कर सकते है। जंहा इस हीमोफिलिया आनुवंशिक की स्थिति है, जो कि चोट या सर्जरी के उपरांत लंबे वक़्त तक रक्तस्राव और या चोट के उपरांत या बिना चोट के उपरांत जोड़ों में दर्दनाक सूजन का कारण है। हीमोफिलिया रोग के वाहक एक्स गुणसूत्र में पाए जाते है। लगभग 10,000 पुरुषों में से 1 पुरुष के हीमोफीलिया से पीड़ित होने का ज़ोखिम होने लगता है। महिलाएं अधिकतर इस रोग के लिए जिम्मेदार आनुवांशिक इकाइयों की वाहक की भूमिका निभाती हैं। हीमोफिलिया के प्रकार: हीमोफिलिया ए- यह हीमोफिलिया का बहुत सामान्य प्रकार है। जिसमे रक्त में थक्के बनने के लिए आवश्यक ‘फैक्टर 8’ की कमी हो जाती है। हीमोफिलिया बी- यह बहुत कम सामान्य है। हीमोफिलिया से पीड़ित लगभग 20 फीसद लोगों में हीमोफिलिया B होता है। हीमोफिलिया बी में क्लॉटिंग कारक (फैक्टर-9) की कमी हो जाती है। वाहक कौन है?: हीमोफिलिया की वाहक महिलाएं है, जिनमे हीमोफिलिया जीन युक्त असामान्य एक्स गुणसूत्र होता है। उनके 2 एक्स गुणसूत्रों में से एक ‘फैक्टर 8’ या ‘फैक्टर 9’ जीन में परिवर्तन होने लगता है, जिसके परिणामस्वरूप ‘फैक्टर 8’ और ‘फैक्टर 9’ के स्तर में कमी हो जाती है। अधिकांश वाहक महिलाओं में हीमोफिलिया के चिन्हित खून बहने वाले लक्षण नज़र नहीं आते। लेकिन ‘फैक्टर 8’ या ‘फैक्टर 9’ के स्तर में कमी की गतिविधि से पीड़ितों को सर्जरी के समय कुछ खून बहने की परेशानियों का सामना करना पड़ता है या कुछ अन्य लक्षण जैसे कि मासिक धर्म के बीच अत्यधिक या बहुत अधिक खून बहना एवं शरीर पर नीले धब्बे हो सकते है। हीमोफिलिया की रोकथाम: वाहक का पता लगाना एवं प्रसवपूर्व निदान: रिपोर्ट्स के अनुसार जब हीमोफिलिया का पारिवारिक इतिहास होता है, तब हीमोफिलिया जीन वाहक महिलाओं की पहचान करना आसान हो जाता है। महिलाएं, जो जानती हैं कि वे वाहक हैं या वाहक हो सकती हैं, उनके पास भ्रूण की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जन्म पूर्व निदान (पता लगाने) का विकल्प होता हैं। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण के अंतर्गत राष्ट्रीय रक्त आधान कौंसिल के मुताबिक सभी राज्य/संघ शासित प्रदेशों के थैलेसीमिया एवं सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित सभी रोगियों के लिए दिशा निर्देश है तथा हीमोफिलिया से पीड़ितों को नि:शुल्क रक्त उपलब्ध किया जाने वाला है। हाइड्रोजन उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अगले 5-7 वर्षों में 200-मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करेगा भारत सैमसंग गैलेक्सी M42 ने भारत में आधिकारिक लॉन्च की तारीख का किया खुलासा चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने दिया बड़ा बयान, कहा- समय आ गया है कि महिलाओं को भी होना चाहिए CJI