विश्व दुग्ध दिवस संपूर्ण विश्व में 1 जून को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दूध के संबंध में ध्यान आकर्षित करना एवं दूध उद्योग से जुड़ी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए अवसर प्रदान करना है. प्रथम विश्व दुग्ध दिवस 1 जून, 2001 को मनाया गया था. दूध और डेयरी उत्पादों के उपभोग के बारे में आम लोगों को बढ़ावा देने के लिये 2001 में संयुक्त राष्ट्र आहार और कृषि संगठन के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस उत्सव की शुरुआत की गयी थी. पूरे विश्व भर में कई देशों में इस कार्यक्रम के द्वारा दूध के सभी पहलूओं को वार्षिक तौर पर मनाया जाता है. ज्यादा प्रभाव लाने के लिये इस उत्सव में भाग लेने वाले देशों की संख्या हर वर्ष बढ़ती है. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के द्वारा 1 जून को विश्व स्तर पर हर वर्ष मनाने के लिये विश्व दुग्ध दिवस की पहली बार स्थापना की गयी थी. इसे 1 जून को मनाने के लिये चुना गया था, क्योंकि इस समय के दौरान बहुत सारे देशों के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस पहले से ही मनाया जा रहा था. 1 जून को वार्षिक आधार पर पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. प्राकृतिक दुध के सभी पहलूओं के बारे में आम जनता की जागरुकता बढ़ाने के लिये इसे मनाया जाता है, जैसे- इसकी स्वाभाविक उत्पत्ति, दूध का पोषण संबंधी महत्व और विभिन्न दूध उत्पाद सहित पूरे विश्वभर में इसका आर्थिक महत्व समझा जा सके. जानिए कब और कहां बना योग दिवस 'आयुष्मान भारत' को योगी कैबिनेट की मंजूरी