जैसे हर दिन कोई न कोई खास विश्व दिवस होता है वैसे ही आज विश्व मच्छर दिवस है यानी World Mosquito Day है. अब भला ये भी कोई मनाने का दिन है, लेकिन हाँ, इसे भी मनाया जाता है और मच्छरों से बचा भी जाता है ताकि हमे उनसे कोई परेशानी ना हो और हम बीमार ना पड़ें. अब आप भी सोच रहे होंगे कि ये दिन क्यों मनाते हैं और इसके पीछे के क्या कारण है. इस दिन के साथ हम आपको इसकी हिस्ट्री यानि इतिहास भी बता देते हैं कब मनाते हैं और क्यों मनाते हैं. कब और क्यों मनाते हैं : सबसे पहले आपको बता दें, मच्छर दिवस 20 अगस्त को मनाया जाता है जो आज है. अब ये क्यों मनाया जाता है इसके बारे में बता देते हैं. दरअसल, इस दिन पेशेवर चिकित्सक सर रोनाल्ड रास ने वर्ष 1896 में मलेरिया नामक जानलेवा बीमारी की खोज की थी. जी हाँ, इन्होने सबसे पहले मच्छर से होने वाली इस बीमारी का पता लगाया था जिसकी जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि मादा मच्छर होती है. मच्छर से तो हमे वैसे भी बचकर ही रहना चाहिए क्योंकि इनसे हमें बेहद खतरनाक बीमारी हो सकती हैं जिनके इलाज भी ना हो. मादा मच्छर मलेरिया की जिम्मेदार है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि नर मच्छर से आपको कोई नुकसान नहीं है, यह भी आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं. इनके काटने से आपको कोई भी बीमारी हो सकती है. कैसे होती है बीमारी : बारिश में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है जिससे उनके काटने के भी चांस भी काफी बढ़ जाते हैं या ये कहें कि मच्छरों के पनपने का सिलसिला दुगना हो जाता है. दुनियाभर में मच्छरों की हजारों प्रजातियां पाई जाती है लेकिन कुछ ऐसी जो बहुत अधिक हानिकारक होती है. इनमें से जहाँ नर मच्छर पेड़-पौधों का रस चूसकर अपना जीवन यापन कर लेते है तो वही मादा मच्छर अपनी प्यास बुझाने के लिए मनुष्य का खून चूसती हैं जिसके कारण मलेरिया जैसी और भी खतरनाक बीमारी होती है. खून चूसने के कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, येलो फीवर जैसी कई बीमारी हो सकती हैं. इससे बचने के लिए अपने घर के आसपास साफ़ सफाई रखें. मच्छरदानी में सोएं, कीटनाशक का छिड़काव करें और अपने आस पास पानी जमा न होने दें. यह भी पढ़ें.. गर्लफ्रेंड नाराज़ हुई तो माफ़ी के लिए छपवाए 300 बैनर और.. यहाँ है दुनिया की सबसे ऊँची शिव मूर्ति, बुर्ज खलीफा से होती है तुलना इस देश के विज्ञापन ने कहा 'अपने सैनेटरी पैड्स खुद बनाओ'