नई दिल्ली: पूरे विश्व में मंदी (Recession) की आशंका के बीच कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की छंटनी करने में लगी हुईं हैं। निवेश बैंकिंग की दिग्गज अमेरिकी कंपनी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) द्वारा 3000 कर्मचारियों की छंटनी के ऐलान के बाद एक और कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है। अमेरिकी आईटी कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant) ने गुरुवार (4 मई 2023) को कहा कि रेवेन्यू में कमी की वजह से वह अपने 3,500 कर्मचारियों को बाहर करेगी। बता दें कि, वैश्विक श्रम बाजार में मंदी की आशंका के कारण, बीते लगभग डेढ़ सालों से कंपनियाँ निरंतर छंटनी कर रही हैं। इसके पहले सोशल मीडिया कंपनी मेटा, ट्विटर, गूगल आदि भी अपने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी हैं। हालाँकि, भारत में घरेलू कंपनियों के बीच इस कथित मंदी की आहट का डर कम ही नज़र आ रहा है। कई भारतीय कंपनियाँ तो अपने यहाँ धड़ल्ले से कर्मचारियों को नौकरी दे रही हैं। बता दें कि, मंदी को लेकर गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने मार्च 2023 में कहा था कि सिलिकॉन वैली बैंकों के दिवालिया होने और व्यापक बैंकिंग क्षेत्र पर इसके असर के बाद अगले 12 माह में अमेरिका में मंदी की उच्च संभावना नज़र आती है। गोल्डमैन के विश्लेषकों ने अगले 12 माह में अमेरिका में मंदी की आशंका 25 फीसद से बढ़ाकर 35 फीसद कर दी थी। बता दें कि, गोल्डमैन सैक्स का यह पूर्वानुमान टेक-केंद्रित सिलिकॉन वैली बैंक और क्रिप्टो-केंद्रित सिग्नेचर बैंक की तबाही के बाद आया था। इन आशंकाओं के बीच अमेरिका और यूरोप समेत पूरे विश्व के शेयर बाजारों, खासकर बैंकिंग शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। यूरोप में इसको लेकर विशेष आशंका जताई जाने लगीं थीं। हालाँकि, भारत में मंदी की आशंका जीरो (0) है। वहीं, यूरोपीय देशों में मंदी की आशंका को लेकर की जताए जाने वाले पूर्वानुमान की दर को बढ़ा दिया गया है। World of Statistics नामक एक ट्विटर हैंडल ने विभिन्न एजेंसियों के आँकड़ों के आधार पर अलग-अलग देशों में मंदी की आशंका को लेकर डाटा जारी किया है। इस आँकड़े में वर्ष 2023 के लिए भारत में मंदी की आशंका 0 फीसद जताई गई है। वहीं, सर्वाधिक मंदी की आशंका वाला देश ब्रिटेन है। वहाँ मंदी का अनुमान 75 फीसद है। वहीं, न्यूजीलैंड में 70 फीसद और अमेरिका में 65 फीसद मंदी का अनुमान जताया गया है। इसके अलावा, जर्मनी, इटली और कनाडा में इस साल मंदी की आशंका 60 फीसद है। बता दें कि, जिन देशों में इस साल मंदी आने की सबसे कम आशंका है, उनमें भारत टॉप पर है। दरअसल, 0 फीसद के साथ भारत में मंदी की कोई आशंका है ही नहीं। भारत के बाद इंडोनेशिया में 2 फीसद, सऊदी अरब में 5 फीसद, चीन में 12.5 फीसद, ब्राजील में 15 फीसद और स्विट्जरलैंड में 20 फीसद मंदी की आशंका जताई गई है। भारत में मंदी की आशंका क्यों नहीं:- बता दें कि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने ताजा आँकड़े में जानकारी दी है कि विश्व में सर्वाधिक उत्पादन साल 2023 में भारत में होने वाला है। इस हिसाब से भारत का विकास दर सबसे ज्यादा होगा। IMF ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 5.9 फीसद रहने का अनुमान जताया है। इसके बाद 5.2 फीसद के साथ चीन दूसरे पायदान पर है। विकास दर के हिसाब से जो शीर्ष पाँच देश हैं, उनमें भारत और चीन के अलावा इंडोनेशिया की ग्रोथ रेट 5 फीसद, सऊदी अरब की 3.1 फीसद और मेक्सिको की 1.8 फीसद रहने की संभावना जताई गई है। बता दें कि, ये वही देश हैं, जहाँ इस साल मंदी की सबसे कम आशंका जताई गई है। हालाँकि, मेक्सिको इसका अपवाद है, क्योंकि मेक्सिको की मंदी आशंका दर 27.5 फीसद है और यह सबसे कम आशंका वाले देशों में आठवें पायदान पर है। मंदी की आशंका से सर्वाधिक प्रभावित की सूची में शीर्ष पर बैठे ब्रिटेन का आर्थिक वृद्धि दर निगेटिव में है, यानी -0.3 फीसद और जर्मनी की -0.1 फीसद रहने की संभावना है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2023 में 0.1 प्रतिशत, फ्रांस और इटली का 0.7 फीसद ग्रोथ रेट रहने का अनुमान है। इसलिए ये मंदी की आशंका के मामले में शीर्ष पर हैं। The Kerala Story: प्यार, धर्मान्तरण और आतंकवाद..! दिल दहला देगी इन 3 लड़कियों की कहानी Video: '20 साल में केरल को इस्लामी राज्य बना देंगे..', क्या अपने सुना है केरल CM का 2010 का बयान ? The Kerala Story पर केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने दिया बड़ा बयान, राज्य सरकार से कही ये बात