आज World Photography Day है जिसका इतिहास आपको भी शायद ही पता होगा. आजकल हर कोई फोटोग्राफी करने में लगा हुआ है और हर किसी पर फोटोग्राफी का भूत सवार है. तो आइए आपको बता देते हैं इसके इतिहास के बारे में. आपको नहीं पता होगा साल 1839 में सर्वप्रथम फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुईस जेकस और मेंडे डाग्युरे ने फोटो तत्व को खोजने का दावा किया था. पहले के ज़माने में पॉजिटिव और नेगेटिव रील्स चलती थी जिसके बाद ही एक फोटो बन पाती थी. इसी प्रोसेस को ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम हेनरी फॉक्सटेल बोट ने खोजा था. जानकारी के लिए बता दें, साल 1834 में हेनरी ने पहले एक लाइट सेंसिटिव पेपर का अविष्कार किया जिस पर फोटो छप सकें और उनके एक रूप मिल जाए. इसके बाद फ्रांस के वैज्ञानिक आर्गो ने 1839 को इसी पर एक रिपोर्ट तैयार की और फ्रांस सरकार ने उसे खरीदकर 19 अगस्त के दिन सभी लोगों के लिए फ्री घोषित कर दिया. इसी दिन के बाद हर साल 19 अगस्त को दुनियाभर में फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है. जैसे-जैसे समय बदलता गया वैसे ही तकनीक में बदलाव आते गए और कैमरा बदलता गया. पहले जहाँ हमें एक फोटो के लिए कई दिनों का इंतज़ार करना पड़ता था अब वहीँ हमें चुटकी में देख पाते हैं. पहले के ज़माने में कैमरे का आकार भी बड़ा हुआ करता था लेकिन समय के साथ-साथ ये छोटा होता जा रहा है और अब मोबाइल फ़ोन में भी इसका इस्तेमाल होने लगा है जिसके लिए आपको कैमरे की भी ज़रूरत नहीं होती. आजकल हर कोई फोटोग्राफी करने में लगा हुआ है और हर किसी के पास कैमरा देखने की मिलता है जिससे लोग अपने शौक पूरे करते हैं. आप देख ही सकते हैं पहले के समय में सिर्फ उन पलों को कैद किया जाता था जो बेहद खास होते हैं, लेकिन अब वो पल भी कैद हो रहे हैं जिनकी ज़रूरत नहीं है और हर छोटे और बड़े पल को कुछ ही क्षण में कैद कर लेते हैं. कह सकते हैं समय के साथ ही फोटोग्राफी का महत्व भी कुछ कम होता ही दिख रहा है.