पुरी दुनिया में विश्व शौचालय दिवस प्रतिवर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है. इस खास दिन का मकसद विश्व के लोगों और उनके समुदायों को स्वच्छता के कलंक को तोड़ने एवं स्वच्छता से संबंधित मुद्दों पर सहयोग करने के लिए उन्हें जोड़ने और शिक्षित करने का प्रयास करता है. शौचालय और स्वच्छता के मुद्दे पर ख़ामोशी/निस्तब्धता घातक है. यह दिवस स्वच्छ पानी एवं स्वच्छता के मानव अधिकार के बावजूद, जिनके पास शौचालय तक पहुंच नहीं है, उनके बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिवस है. यह इसके बारे में कुछ करने का दिवस है. उद्धव ठाकरे का अयोध्या दौरा स्थगित, दिया महाराष्ट्र की सत्ता का हवाला अगर आपको नही पता तो बता दे कि इस दिवस का उद्देश्य स्वच्छता के संकट पर वैश्विक ध्यान दिलाना है. वर्ष 2013 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस के रूप में नामित किया है. इसे संयुक्त राष्ट्र- जल द्वारा सरकारी और भागीदारों के सहयोग से समन्वयित किया गया है. टाइम मैगज़ीन की 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में पीएम मोदी का नाम नहीं, इमरान को मिली जगह भारत में देश के तत्कालिक प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी कुछ सालों पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी. जिसका बहुत बड़ा प्रभाव पूरे देश में देखने को मिला है. देश में लोगो को बीच शौचालय को लेकर जागरूकता बड़ी है. गांव से लेकर शहरों तक बड़ी संख्या में शौचालय का निर्माण किया गया है. जिस वजह से गंदगी में कमी आई है. विश्व शौचालय दिवस के मौके पर देशवासियों को इस संकल्प को और मजबूत करना है. सीएम केजरीवाल का बड़ा ऐलान, कहा- दिल्ली में मौसम साफ़, अब ऑड-ईवन की जरूरत नहीं राज्यसभा में बोले पीएम मोदी, कहा- जमीन से जुड़ा है निचला सदन, जबकि उच्च सदन है दूरदर्शी भैरव साधना करने से होंगे संकट दूर, जानिए कब है कालभैरव अष्टमी?