1. अगर ऐ नाख़ुदा तूफ़ान से लड़ने का दम-ख़म है, इधर कश्ती न ले आना यहाँ पानी बहुत कम है. 2. अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना, हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है. 3. ऐसी प्यास और ऐसा सब्र, दरिया पानी पानी है. 4. अंदर अंदर खोखले हो जाते हैं घर, जब दीवारों में पानी भर जाता है. 5. दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़, अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़. 6. हम इंतिज़ार करें हम को इतनी ताब नहीं, पिला दो तुम हमें पानी अगर शराब नहीं. 7. हर्फ़ अपने ही मआनी की तरह होता है, प्यास का ज़ाइक़ा पानी की तरह होता है. 8. किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी, झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी. 9. मैं ने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया, इक समुंदर कह रहा था मुझ को पानी चाहिए. 10. पानी ने जिसे धूप की मिट्टी से बनाया, वो दाएरा-ए-रब्त बिगड़ने के लिए था. 11. क़िस्से से तिरे मेरी कहानी से ज़ियादा, पानी में है क्या और भी पानी से ज़ियादा. 12. वो धूप थी कि ज़मीं जल के राख हो जाती, बरस के अब के बड़ा काम कर गया पानी. 13. वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था, पानी पानी कहते कहते डूब गया है. 14. वो मजबूरी मौत है जिस में कासे को बुनियाद मिले, प्यास की शिद्दत जब बढ़ती है डर लगता है पानी से. आखिर कब समझेंगे जल की महत्ता ? जल संकट तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर ले जायेगा फटी हुई एड़ियों को मुलायम बनाता है दूध