बीजिंग: चीन ने अपनी तकनीक का इस्तेमाल कर एक और बड़ी संरचना का निर्माण कर लिया है, चीन ने समुद्र पर एक पुल का निर्माण किया है, जो कि दुनिया का सबसे लम्बा समुद्री पुल है. हॉन्ग कॉन्ग-झुहाई-मकाउ नामक यह पुल 55 किलोमीटर लम्बा है. समुद्र के ऊपर बने इस पुल को बनाने में 4 लाख टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है, जो 60 एफिल टॉवर के वजन के बराबर है. यह पुल चीन से हांगकांग की यात्रा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, पहले इस यात्रा में 3 घंटे का समय लगता था, लेकिन अब मात्र 30 मिनिट में यह यात्रा संभव हो सकेगी. इस पुल से केवल बस और कार को ही जाने की इज़ाज़त दी गई है, बाइक और पैदल यात्री इस पर नहीं जा सकते. इस पुल को बनाने में 1 लाख 33 हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है. इसमें अलग किस्म का स्टील इस्तेमाल किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी उम्र करीब 120 साल है. हॉन्ग कॉन्ग-झुहाई-मकाउ ब्रिज अथॉरिटी के प्लानिंग मैनेजर ने बताया कि इस सुरंग को बनाना काफी चुनौतियों भरा था. इस पुल पर एक तरफ जहां सड़क है वहीं अंडर-वाटर टनल यानी पानी के भीतर सुरंग भी है. विशेषज्ञों ने बताया कि इस पुल का इस्तेमाल व्यापर के लिए भी किया जा सकेगा, कारखानों से निकले सामन को समुद्र बंदरगाह तक पहुँचाने में पुल मददगार होगा. हालांकि पुल बनाने वाले अधिकारीयों पर आरोप भी लगे हैं कि इस पुल से चीनी सफेद डॉल्फिन की आबादी खतरे में पड़ सकती है, लेकिन अधिकारीयों ने उन आरोपों को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि सफ़ेद डॉल्फिनों को ध्यान में रखते हुए ही पुल का निर्माण किया गया है. ईरान के खिलाफ एक हुए ट्रम्प और नेतन्याहू गर्दन तक जमीन में गाड़कर, महिला पर बरसाए पत्थर साइबर हमलों को रोकने चीन-पाक तैनात करेंगे महिला अधिकारी