हिन्दू धर्म के अंदर सभी त्यौहार और व्रत का अपना-अपना महत्वपूर्ण स्थान होता है। सनातन धर्म को मानने वाली महिलाएं सावन के हर मंगलवार को मां मंगला गौरी का व्रत रखती हैं। आज सावन का चौथा मंगलवार है, जिसमें मंगला गौरी व्रत का पालन करना आवश्यक है। मां मंगला गौरी की पूजा विधि-विधान से की जाती है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित महिलाएं उपयुक्त पति पाने की आशा में मंगला गौरी व्रत रखती हैं। इसके अलावा, धार्मिक ग्रंथों से पता चलता है कि मंगला गौरी के दिन उपवास करने से बच्चे के गर्भधारण की संभावना भी बढ़ जाती है। इस व्रत को करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं, जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पूजा की विधि व्याकरण की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए सावन के प्रत्येक मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा चौकी पर लाल कपड़े से ढकी हुई माता पार्वती और भगवान शंकर की मूर्ति या तस्वीर रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही माता पार्वती को लाल वस्त्र और सुहाग का सामान चढ़ाना चाहिए और घी का दीपक जलाना चाहिए। इसका पालन करते हुए विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा में पान, सुपारी, लौंग, इलायची, लड्डू और 16 चूड़ियां चढ़ानी चाहिए। फिर मंगला गौरी व्रत की कथा सुननी चाहिए। अंत में, व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के लंबे और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इन मंत्रों का जाप करें सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।। क्या होता है भकूट दोष, विवाह से पूर्व क्यों मिलाई जाती है कुंडलियां क्या आप जानते है वास्तु शास्त्र से जुड़ी हुई ये खास बात अष्टधातु से नवग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कर सकते है कम, मानसिक तनाव से मिलती है राहत