हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। मासिक शिवरात्रि महादेव को समर्पित है। यह तिथि शिव भक्तों के लिए खास महत्व रखती है। मान्यता है कि हर शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर पूजा करने से महादेव अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं तथा सभी कष्टों को दूर करते हैं। इस दिन महादेव के साथ मां पार्वती की भी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति मासिक शिवरात्रि का व्रत विधि पूर्वक से रखता है, उसे महादेव का आशीर्वाद मिलता है। वही इस बार साल 2023 की आखिरी शिवरात्रि 11 दिसंबर को मनाई जा रही है। मासिक शिवरात्रि पूजा विधि:- मासिक शिवरात्रि के दिन सबसे पहले प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि करने के पश्चात् साफ कपड़े पहने। फिर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान महादेव को बेलपत्र चढ़ाएं। इस दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें। भगवान भोले शंकर और मां पार्वती को भोग लगाएं। पूजा के दौरान ''ऊँ नम: शिवाय'' मंत्र का जप करें। इसके बाद भगवान शिव की आरती करें। शिवजी की आरती : ॐ जय शिव ओंकारा जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी । चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥ इस दिन है 2023 की आखिरी मासिक शिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व विवाह में आ रही है रुकावटें तो मार्गशीर्ष अमावस्या पर अपनाएं ये उपाय, दूर होगी सारी अड़चनें कब है मार्गशीर्ष अमावस्या? यहाँ जानिए शुभ मुहूर्त