यहां दी जा रही भगवान गणेश की वंदना से निश्चित ही शुभ फल प्राप्त होता है तो वहीं भगवान गणेश की भी कृपा जल्द ही मिलती है। यदि आप किसी भी समस्या से परेशान है तो भगवान गणेश की इस वंदना से आराधना करने से निश्चित ही फल प्राप्त होता है। यहां हम अपने पाठकों के लिए गणेशजी की सरल वंदना प्रस्तुत कर रहे है। गणपति की सेवा मंगल मेवा सेवा से सब विध्न टरें। तीन लोक तैंतीस देवता द्वार खड़े सब अर्ज करे ॥ ऋद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विरजे आनन्द सौं चंवर दुरें । धूप दीप और लिए आरती भक्त खड़े जयकार करें ॥ गुड़ के मोदक भोग लगत है मूषक वाहन चढ़े सरें । सौम्य सेवा गणपति की विध्न भागजा दूर परें ॥ भादों मास शुक्ल चतुर्थी दोपारा भर पूर परें । लियो जन्म गणपति प्रभु ने दुर्गा मन आनन्द भरें ॥ श्री शंकर के आनन्द उपज्यो, नाम सुमरयां सब विध्न टरें । आन विधाता बैठे आसन इन्द्र अप्सरा नृत्य करें ॥ देखि वेद ब्रह्माजी जाको विध्न विनाशन रूप अनूप करें। पग खम्बा सा उदर पुष्ट है चन्द्रमा हास्य करें । दे श्राप चन्द्र्देव को कलाहीन तत्काल करें ॥ चौदह लोक में फिरें गणपति तीन लोक में राज करें । उठ प्रभात जो आरती गावे ताके सिर यश छत्र फिरें । गणपति जी की पूजा पहले करनी काम सभी निर्विध्न करें । श्री गणपति जी की हाथ जोड़कर स्तुति करें ॥ जानिए क्यों पुकारते है गणेशजी को एकदन्त के नाम से