नई दिल्ली : 3 महीने लगातार घटने के बाद थोक महंगाई में वृद्धि देखी देखी गई.विनिर्माण ,ईंधन एवं ऊर्जा वर्ग के उत्पादों के दाम बढऩे से पिछले साल दिसंबर में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 3.39 प्रतिशत पर पहुंच गई.बता दें कि गत नवंबर में थोक महंगाई दर 3.15 प्रतिशत रही थी. नोटबन्दी का भले ही राजनीतिक दलों ने विरोध किया हो, लेकिन नोटबंदी से नकदी की कमी के कारण मांग उतरने से सब्जियों तथा प्याज की कीमत में भारी गिरावट से खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर शून्य से 0.70 प्रतिशत नीचे पहुँच गई. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार, गत वर्ष दिसंबर में सब्जियों के दाम दिसंबर 2015 की तुलना में 33.11 फीसदी घट गए. प्याज की कीमत में भी 37.20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. इसी तरह फलों के दाम में भी मात्र 0.04 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई. अंडा तथा मांस-मछली की कीमत में 2.73 तथा दूध के दाम में 4.11 प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई. वहीं, न खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों में ज्यादा वृद्धि हुई.फीसदी में मोटे अनाज 7.49 , चावल 4.38 गेहूं 12.82 दालें 18.12 फीसदी और आलू 26.42 फीसदी महंगे हो गए. हालाँकि अगस्त 2015 के बाद 16 महीने के अंतराल के बाद खाद्य पदार्थों की महंगाई दर ऋणात्मक रही है. इसमें लगातार पांचवें महीने गिरावट दर्ज की गई है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटा निर्यात के मामले में भारत से पिछड़ा चीन