पुरुष रेसलिंग कोच को किया गया पद से बर्खास्त, जानें कारण

नई दिल्लीः भारतीय पहलवानों ने हाल के खेल आयोजनों में जबरदस्त प्रदर्शन कर विश्व में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। इतना अच्छा प्रदर्शन के बावजूद टीम के कोच को अपने पद से हटा दिया गया। भारतीय कुश्ती महासंघ ने इसके पीछे कई कारण गिनाए। कुश्ती महासंघ ने कहा,पुरुष फ्रीस्टाइल कोच हुसैन करीमी अपने साथ वीआईपी संस्कृति लेकर आए थे। जिसका यहां पालन नहीं किया जा सकता। करीमी का अनुबंध टोक्यो ओलिंपिक तक था. ईरान के इस कोच को उनकी बर्खास्तगी का नोटिस बुधवार को सौंपा गया।

डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने एत न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, ‘वह वीआईपी संस्कृति का पालन कर रहे थे और उनकी मांगों को मानना बेहद मुश्किल हो गया था. हमने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को इसकी जानकारी दे दी है. हम अब नया कोच ढूंढ रहे हैं। करीमी के साथ काम करते हुए डब्ल्यूएफआई को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था इस बारे में पूछने पर तोमर ने कहा कि वह कभी कोचों या पहलवानों के साथ रिश्ते नहीं बना पाए। उन्होंने कहा,उनकी हमेशा कोई ना कोई शिकायत या मांग होती थी।

उन्होंने साइ परिसर में रहने से इनकार कर दिया जहां राष्ट्रीय शिविर चल रहा था इसलिए हमें साइ केंद्र के समीप उनके लिए फ्लैट किराए पर लेना पड़ा. वह जब भी भारत में यात्रा करते थे तो हमें उन्हें कार मुहैया करानी पड़ती थी। करीमी को 3500 डालर के मासिक वेतन पर नियुक्त किया गया था मगर डब्ल्यूएफआई ने कहा कि उनकी अतिरिक्त मांगों के कारण खर्चे 5000 डॉलर पहुंच गया था. डब्ल्यूएफआई के लिए चिंता की एक अन्य बड़ी बात यह था कि करीमी का अपने खिलाड़ियों तक के साथ कोई लगाव नहीं था। बता दें कि रेसलिंग कोच को पद से हटाने की बात काफी लंबे समय से चल रही थी। 

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