अगर आप घंटों लगातार एक ही पॉजीशन में खड़े या बैठे रहते हैं तो बॉडी में पेन होना सामान्‍य समस्‍या हो सकती है. सिटींग जॉब में अक्सर ये परेशानी होती है. इनमें कमर, गर्दन और छाती का दर्द भी शामिल है. इसके लिए अगर लगातार टेस्‍ट करवाने के बाद भी आपको अपनी बीमारी समझ में नहीं आ रही है तो एक बार अपना पॉश्‍चर ठीक करके देखिए. इससे आपको शायद राहत मिल सकती है. बढ़ रहे हैं कमर दर्द के मामले हाल ही में हुए कई शोध इस बात की तस्‍दीक करते हैं कि युवाओं में कमर और गर्दन में दर्द के मामले बढ़ रहे हैं. जबकि अभी तक ज्‍वाइंट पेन को बढ़ती उम्र का संकेत माना जाता था. लगातार बैठे रहने से जोड़ों के दर्द की यह समस्‍या अब युवाओं में भी देखने में आ रही है. लाइफ स्‍टाइल से जुड़ी है यह बीमारी 90 प्रतिशत लोग अपने जीवन के किसी-न-किसी स्तर पर कमर दर्द से पीड़ित रहते हैं. कई बार यह इतना गंभीर हो जाता है कि काम करना ही मुश्किल होने लगता है. कामकाजी लोगों में कमर व गर्दन दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है, विशेषकर उन युवाओं में, जो आइटी इंडस्ट्री या बीपीओ में डेस्क जॉब करते हैं या कंप्यूटर के सामने लगातार कई घंटे बैठे रहते हैं. सही रखें बॉडी पॉश्‍चर बदन दर्द को बढ़ाने वाला सबसे बड़ा कारक गलत बॉडी पॉश्‍चर है. बॉडी पॉस्चर ठीक नहीं होने से रीढ़ की हड्डी का अलाइनमेंट बिगड़ जाता है. इससे कमर के निचले हिस्से और गर्दन में दर्द होता है. कमर दर्द से बचने के लिए हमेशा कमर को सीधी और पीछे की ओर करके इस तरह बैठें कि शरीर का भार दोनों हिप्स पर बराबर हो. यह भी जरूरी है कि एक ही पॉजीशन में 30 मिनट से ज्‍यादा न बैठें. अपना सकते हैं उपाय एक्टिव रहें फिजिकली एक्टिव रहें, नियमित एक्सरसाइज और योग करें. पैदल चलना बोन मास को बढ़ाने में सहायक होता है. रेगुलर वर्कआउट करने से वजन कंट्रोल में रहता है, जिससे मांसपेशियों पर अतिरिक्‍त दबाव नहीं पड़ता. ब्रेक लें लगातार कई घंटों तक एक ही पॉजीशन में एक ही जगह बैठे रहना अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ है. इसलिए कितना भी जरूरी काम हो यह जरूरी है कि उसके बीच से ब्रेक लें. हर घंटे में एक बार अपनी कुर्सी से उठें तथा अपनी गर्दन और कमर को 30 सेकेंड तक स्ट्रेच करें. कुर्सी पर बैठे-बैठे गर्दन को विपरीत दिशा में दायें-बायें, आगे-पीछे हाथों से 5-5 सेकेंड धकेलें. स्मूदली ऊपर-नीचे, दायें-बायें भी 10-10 सेकेंड कर सकते हैं. जिस भी पोजिशन में आराम मिले, उसे दोहराएं. ऐसा पूरे वर्किंग आवर में रोज कम-से-कम तीन बार करें. ये आदतें बनती हैं किडनी में पथरी का कारण घरेलु तरीकों से बना सकते हैं अपने कमज़ोर नाखूनों को मजबूत और बड़ा मानसून में स्किन पर हो जाते हैं रेशेस, बचने के लिए जानें क्या हैं तरीके