इस हत्या के मामले में पाकिस्तानी कोर्ट के फैसले ने सबको किया हैरान

दुनिया में एक ओर कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. वही, दूसरी ओर डेनियल पर्ल के हत्‍यारे और आतंकी उमर शेख को पाकिस्‍तान की फांसी की सजा को कम करने के पाकिस्‍तान कोर्ट के फैसले ने सभी को हैरत में डाल दिया है. अमेरिका ने भी इस पर अपनी नाराजगी व्‍यक्‍त की है. डेनियल पर्ल की नृशंस हत्‍या को 18 साल से ज्‍यादा का समय गुजर चुका है. इस दौरान आतंकी उमर शेख और उस जैसे दूसरे आतंकी पाकिस्‍तान में या तो खुले घूमते रहे या फिर नाम मात्र की जेलों में कैदी बनकर रहते रहे. उन्‍हें कैद करने की दो बड़ी वजह भी थीं. पहली वजह दुनिया को ये दिखाना था कि पाकिस्‍तान सरकार उन पर कार्रवाई कर रही है तो दूसरी वजह ये भी थी कि उन्‍हे कैद में रखकर उन्‍हें अमेरिका की गोली से बचाया जा सकता था.

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इस कृत्य के बाद भी पाकिस्‍तान की कोर्ट ने उसको महज सात साल की सजा सुनाई है. लेकिन वह 18 वर्षों से जेल में है इसलिए कुछ दिनों में उसकी रिहाई भी हो जाएगी. पाकिस्‍तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने अपने संपादकीय में इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए उसको दुनिया के खतरनाक आतंकियों में शुमार किया है. संपादकीय में कहा गया है कि सरकार को कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए.

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अगर आपको नही पता तो बता दे कि मार्च 2007 में अल कायदा के ही एक सदस्‍य खालिद शेख मोहम्‍मद ने इस बात का खुलासा किया था कि उमर शेख ने ही डेनियल का सिर धड़ से अलग किया था. ये दावा उसने गुआंतानामो जेल में लगी अदालत के दौरान किया था. डेनियल पर्ल को वाल स्‍ट्रीट जनरल के साउथ एशिया ब्‍यूरो चीफ थे. उनका ऑफिस मुबई में था. इसके बाद पर्ल मुंबई में ही बस गए थे.

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