हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यमुना नदी, यमराज की बहन है. जिसका नाम यमी भी है. यमराज और यमी के पिता सूर्य हैं. यमुना नदी का जल पहले साफ, कुछ नीला, कुछ सांवला था, इसलिए इन्हें 'काली गंगा और 'असित' भी कहते हैं. असित एक ऋषि थे. सबसे पहले यमुना नदी को इन्होंने ही खोजा था. तभी से यमुना का एक नाम 'असित' संबोधित किया जाने लगा. यह नदी उत्तरकाशी से 30 किमी उत्तर, गढ़वाल से निकली है. और अंत में इलाहाबाद में गंगा नदी से मिल जाती है. जहां यह त्रिवेणी(गंगा, सरस्वती, जमुना या यमुना) कहलाती है. यमुना की सहायक नदियां चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बेतवा और केन हैं. यमुना के तटवर्ती नगरों में दिल्ली और आगरा के अतिरिक्त इटावा, काल्पी, हमीरपुर और प्रयाग मुख्य है. जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण को ब्रज संस्कृति का जनक कहा जाता है, ठीक उसी तरह यमुना को जननी का स्थान दिया गया है. ब्रह्म पुराण में उल्लेखित है कि, 'जो सृष्टि का आधार है और जिसे लक्ष्णों से सच्चिदनंद स्वरुप कहा जाता है, उपनिषदों ने जिसका ब्रह्म रुप से गायन किया है, वही परमतत्व साक्षात् यमुना है. पुरूषोत्तम मॉस में करे विष्णु की उपासना