यशवंत सिन्हा बोले पाक से बातचीत का कोई अर्थ नहीं

नई दिल्ली : जब से देश का विभाजन हुआ है तब से भारत-पाक रिश्तों में हमेशा से ही तनातनी रही है. इन दिनों कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप पाकिस्तान में फांसी की सजा देने के मुद्दे पर, सड़क से लेकर संसद तक हंगामा जारी है. इस गंभीर मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हो रही है. अब पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे पर कहा कि पाकिस्तान से बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है.

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा ने स्पष्ट रूप से कहा कि 70 साल में पाकिस्तान से रिश्ते सुधर नहीं सके हैं. विश्वास नहीं होने के कारण ऐसा हो रहा है. जब तक पाकिस्तान की ओर से नकारात्मकता खत्म नहीं होगी तब तक बातचीत का कोई अर्थ नहीं है.

यहां यह उल्लेख प्रासंगिक है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने शेख अब्दुल्ला की जयंती पर हुर्रियत नेताओं की कश्मीर की आजादी की मांग का समर्थन किया था. उनके बयान पर तब काफी विवाद हो हुआ था. यशवंत सिन्हा ने उस पर अपनी प्रतिक्रिया में फारुख अब्दुल्ला को हमेशा से राष्ट्रवादी बताते हुए कहा कि उपचुनाव के लिए राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर था. ऐसे में मुझे नहीं पता कि उनका बयान किस संदर्भ में आया.

वहीं जम्मू-कश्मीर उपचुनाव में हिंसा पर सिन्हा ने कहा कि अगर हिंसा बहुत हुई होती तो कोई भी अपनी जान खतरे में डालकर वोट करने नहीं आता है. यही नहीं हुर्रियत नेताओं से बात करने पर उन्होंने कहा कि आज अगर आप अलगाववादियों से बातचीत के लिए कहते हैं, तो आपको राष्ट्रद्रोही करार दिया जाता है. तो यशवंत सिन्हा ने सवाल किया कि इसका मतलब है कि अटलजी राष्ट्रद्रोही थे?.

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