ये कैसी तेरी ख़ुदाई…

छोटू की शादी नहीं हो रही थी तो वो अजमेर मन्नत मांगने गया और अपनी माँ को भी साथ ले गया… 

वहाँ अचानक उसकी माँ गुम हो गयी…

तो छोटू हाथ उठा कर बोला…

“या खुदा…!! ये कैसी तेरी ख़ुदाई… अपनी तो मिली नहीं,  अब अब्बा की भी गंवाई…!

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