ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दुहरा हुआ होगा मैं सजदे में नहीं था आपको धोखा हुआ होगा यहाँ तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियाँ मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा!