लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी धर्म और जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे बल्कि यह काम विपक्ष ने किया है। मेरठ में दिए गए अपने बयान पर चुनाव आयोग से मिले नोटिस के जवाब में उन्होंने कहा कि धर्म या जाति के आधार पर वोट मांगने के आरोप पूरी तरह से गलत हैं। राष्ट्रवाद पर बोले पीएम मोदी, कहा - मीडिया में कुछ लोग हाइपर सेक्युलर कुछ ऐसा भी बोले सीएम योगी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने आचार संहिता को कोई उल्लंघन नहीं किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह आयोग के प्रति पूर्ण सम्मान रखते हैं और आदर्श आचार संहिता के पालन के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि उनके मेरठ में दिए भाषण पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह एक विपक्षी पार्टी की प्रमुख के बयान के संदर्भ में था। उन्होंने खुलेआम मुसलमानों से उनकी पार्टी के गठबंधन के पक्ष में वोट देने की अपील की थी। क्या धर्म के आधार पर मुस्लिमों से वोट मांगना धर्मनिरपेक्षता की श्रेणी में आएगा? अमेरिका में भी गूंजा, 'अबकी बार 400 पार' का नारा, न्यूयॉर्क में चल रहा अभियान इसी के साथ उन्होंने कहा कि देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी छद्म निरपेक्षता का लोगों के सामने पर्दाफाश किया जाए। उन्होंने अपने भाषण में इसी को उजागर किया था। लोकसभा चुनाव: कांग्रेस ने हजारीबाग के गोपाल साहू को बनाया उम्मीदवार, भाजपा ने दिया ये जवाब लोकसभा चुनाव: राबड़ी देवी को मात देने के लिए सारण सीट से चुनाव लड़ेंगे लालू प्रसाद यादव बाबूलाल मरांडी ने दाखिल किया नामांकन, पूरा विपक्ष रहा मौजूद