योगी सरकार ने भ्रष्ट, बेलगाम और बेपरवाह नौकरशाही पर नकेल कसने के लिए कई महत्वपूर्ण कदमों को अंजाम किया है. जिसका व्यापक असर उत्तरप्रदेश में देखने को मिलने लगा है. हाल ही में अमर्यादित आचरण से महकमे की छीछालेदर कराने वाले गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के साथ ही आरोपों में फंसे पांच आइपीएस पर कार्रवाई कर सरकार ने सख्त संदेश दिया है. इससे पहले ही आइएएस, आइपीएस, पीसीएस और पीपीएस अधिकारी निशाने पर आ चुके हैं. कार्रवाई का आंकड़ा लगभग 45 तक पहुंच चुका है. यूपी के सीएम का फूटा गुस्सा, नोएडा एसएसपी सस्पेंड भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने साफतौर दे दिया था. जिसके बाद तमाम अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. कोई भ्रष्टाचार तो कोई लापरवाही या अमर्यादित आचरण के आरोपों में घिरा नजर आया. हालात देख सरकार ने भी कार्रवाई का हंटर तेज कर दिया। पुरानी फाइलें भी सरकार ने खंगाल डालीं. इसके साथ ही जबरन सेवानिवृत्ति, निलंबन, प्रतीक्षारत और पदावनत करने जैसी कार्रवाई तेज कर दी गई. शिवसेना का भाजपा पर वार, महाराष्ट्र जिला परिषद चुनाव में मिली हार को लेकर कसा तंज आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ताजा मामले में भी निलंबित भले ही अभी सिर्फ एसएसपी वैभव कृष्ण किए गए हैं, लेकिन अन्य पांच आइपीएस अधिकारियों के तबादले कर जांच शुरू करा दी है. यदि यह दोषी पाए जाते हैं तो इनकी भी कुर्सी जाना तय है. इनके अलावा विभिन्न विभागों के कर्मियों की बात करें तो अब तक 600 से अधिक कार्रवाई की जद में आ चुके हैं.पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में ही तत्कालीन एसपी बाराबंकी डॉ.सतीश कुमार व तत्कालीन एसएसपी बुलंदशहर एन.कोलांची को निलंबित किया गया था. एडीजी जसवीर सिंह व एसपी अतुल शर्मा पर भी निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है. सीएम योगी ने उठाया कड़ा कदम, एसएसपी पर हुई कार्यवाही जेएनयू छात्रों के बोझ को संस्थान ने किया कम, रहना हुआ पहले के मुकाबले इतना सस्ता ईरान ने फिर अमेरिकी बेस पर दागा रॉकेट, डोनाल्‍ड ट्रंप ने दी चेतावनी