लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से आगामी कांवड़ यात्रा के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाल ही में मेरठ में उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान सहित पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में कांवड़ियों की सुरक्षा और संरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने मार्ग नियोजन, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर केंद्रित चर्चा की। 22 जुलाई से सरकार ने कांवड़ियों को यात्रा के दौरान भाला, त्रिशूल या कोई भी हथियार ले जाने पर रोक लगा दी है। यह निर्णय श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण और सुरक्षित तीर्थयात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इसके अतिरिक्त, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तिरंगा झंडा ले जाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यात्रा मार्ग पर शिविर लगाने, विश्राम क्षेत्र, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, साथ ही महिला प्रतिभागियों के आराम और सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। हालांकि डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ध्वनि सीमा का सख्ती से पालन किया जाएगा। सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए, यात्रा के दौरान सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन निगरानी का व्यापक उपयोग किया जाएगा। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों को ढकने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं, खासकर कांवड़ संरचनाओं और बिजली के खतरों से जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ये निर्देश जारी किए गए हैं। तीर्थयात्रा के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए यात्रा मार्ग पर शराब और मांस की दुकानें बंद रहेंगी। यात्रा मार्ग को पाँच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जहाँ विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों के बीच समर्पित व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से मजबूत संचार तंत्र हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से कांवड़ियों को पहचान पत्र जारी करने का आग्रह किया है, इसके लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में स्थापित आठ समर्पित नियंत्रण कक्षों के माध्यम से समन्वय बढ़ाया गया है। दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए बम निरोधक दस्ते और खुफिया टीमों की तैनाती की जाएगी। सुचारू यातायात प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए, 21 जुलाई की मध्यरात्रि से दिल्ली एक्सप्रेसवे, देहरादून एक्सप्रेसवे और चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग जैसे प्रमुख मार्गों पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। योगी सरकार द्वारा उठाए गए ये सक्रिय कदम सभी प्रतिभागियों के लिए एक सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से संतुष्टिदायक कांवड़ यात्रा की सुविधा प्रदान करते हुए कानून और व्यवस्था बनाए रखने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। तमिलनाडु के बसपा अध्यक्ष की निर्मम हत्या, मायावती ने पुछा- दलित नेता के क़त्ल पर INDIA अलायन्स मौन क्यों ? कौन से लोको पायलट्स की समस्या सुन आए राहुल गांधी ? उत्तर रेलवे बोला- ये तो हमारी लॉबी के ही नहीं, ड्राइवर भी नहीं पहचान पाया 'जांच के लिए अपने ब्लाउज-पेटीकोट जमा करो..', जिस मुस्लिम महिला को TMC के गुंडों ने निर्वस्त्र कर पीटा, उसे बंगाल पुलिस का आदेश