लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मृदा परीक्षण (मिट्टी परिक्षण) को लेकर उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग के अधिकारी गंभीरता नहीं बरत रहे हैं. जिसके बाद योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए मृदा परीक्षण के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा करने वाले कृषि विभाग के नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. आईडिया-वोडाफोन को बड़ा झटका, विलय के बाद मात्र तीन महीने में हुआ 4,973 करोड़ का नुकसान इनमें दो संयुक्त निदेशक, पांच उप निदेशक व दो सहायक निदेशक शामिल हैं. साथ ही योगी प्रशासन ने इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए हैं. इन सभी अधिकारियों पर आरोप है कि इन लोगों ने चहेती फर्मों को टेंडर देने के लिए अपने पड़ का दुरूपयोग किया. दरअसल, मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड' की आउटसोर्सिंग के लिए जारी टेंडर में बड़े स्तर का घोटाला सामने आया है, जिसके बाद कृषि विभाग में अफरातफरी मच गई है. नेशनल हेराल्ड: केंद्र ने कोर्ट से कहा-22 नवंबर तक नहीं खाली कराएंगे हाउस इस प्रकरण में धांधली को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की नाराजगी को देखते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस घोटाले में शामिल नौ आलाधिकारियों को निलम्बित कर दिया है, इसके साथ टेंडर में शामिल सभी चारों कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है. साथ ही सभी के खिलाफ प्रशासन ने मामला दर्ज करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. आपको बता दें कि किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच के लिए मोदी सरकार ने गत 19 फरवरी 2015 को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारंभ किया था, जिमे मिट्टी परिक्षण करके किसानों को सलाह प्रदान की जाती है. खबरें और भी:- नरेंद्र मोदी का दोबारा पीएम बनना देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर : इंफोसिस प्रमुख नारायण मूर्ति विवादों में नाम आने के बाद अशोक चावला ने दिया यस बैंक के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद से इस्तीफा IDBI बैंक को हुआ 3,602 करोड़ रुपये का घाटा, 8 तिमाही से लगातार हो रहा नुकसान