लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश के 10 जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना हेतु निशुल्क जमीन आवंटित करेगी। इस मामले में राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया है। यह बैठक मंगलवार को आयोजित की गई थी। केवीके की स्थापना करने के साथ सरकार चाहती है कि राज्य में कृषि अनुसंधान तेजी से हो, जिससे यहां के किसानों को व्यावसायिक लाभ मिले और अनुसंधान के माध्यम से फसलों की नई जींस विकसित की जा सके। जिन जिलों के लिए सरकार जमीन का आवंटन करेगी उनमें संभल, अमरोहा, अमेठी, कासगंज, हरदोई, बहराइच आदि शामिल हैं। दूसरी ओर ग्राम सभा के लिए शामली, गोंडा, जौनपुर, बदायूं में जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। हरदोई में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र संचालित किया जाएगा। साथ ही बदायूं में जो केवीके कृषि विश्वविद्यालय स्थापित होगा उसे केवीके रेग्युलेट करेगा। राज्य सरकार के सामने कृषि और राजस्व विभाग ने अनापत्ति प्रदान की है। जिससे जमीन आवंटन शीघ्र प्राप्त हो सके। जानकारी सामने आई है कि कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए चिन्हित भूमि को हरदोई की भूमि को छोड़कर,कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के माध्यम से सम्बन्धित कृषि विश्वविद्यालयों के पक्ष में निश्शुल्क हस्तांतरण किया जाएगा। हरदोई की भूमि लीज के माध्यम से आइसीएआर की संस्था आइआइपीआर कानपुर को दी जानी है। कैबिनेट ने लखनऊ में गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के क्षेत्रीय निदेशालय की स्थापना के लिए राजधानी के उतरेटिया क्षेत्र में सिंचाई विभाग की 5000 वर्ग मीटर जमीन मुहैया कराने का निर्णय किया है। यह जमीन गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग को उपलब्ध करायी जाएगी। इस जमीन की कीमत सात करोड़ रुपये है।बाद में यह जमीन बाढ़ नियंत्रण आयोग को दे दी जाएगी। वॉट्सऐप पर AMU के प्रोफेसर ने बीवी को दिया तलाक दो युवतियों की गला रेतकर हत्या यूपी में भाजपा आज जारी करेगी संकल्प पत्र