लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने पर बड़ा फैसला लेने जा रही है। इसके लिए पूरी विधिक कार्यवाही नए सिरे से करने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार, विधानसभा के आगामी सत्र में इन जातियों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित कर सकती है, जिसे संसद के दोनों सदनों से पारित करने के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। वहीं यह भी विचार है कि रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा मझवार और भर की जातियों को सही तरीके से परिभाषित कर सभी राज्यों को उनकी सभी उपजातियों को अनुसूचित जाति (SC) के दायरे में शामिल करने के लिए अधिसूचित कर दिया जाए। इसकी वजह यह है कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में ये जातियां पहले से ही SC की सूची में शामिल हैं। इसी को देखते हुए इलाहबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में लंबित विभिन्न मामलों में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए अधिसूचनाओं को निरस्त करवा दिया है, ताकि कोई कानूनी अड़चन न रहे। इस मामले पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ए नारायण स्वामी ने विगत 26 जुलाई को पत्र भेज कर इस संबंध में सकारात्मक सहमति जाहिर की है। संजय निषाद का दावा है कि 1950 से पहले मझवार और भर जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में होने के कारण लाभ मिलता था, मगर बाद के वर्षों में उत्तर प्रदेश में इन जातियों को OBC की जातियों की सूची में डाल दिया गया। बता दें कि, जिन जातियों को SC में शामिल करने की कोशिश की जा रही है, उनमे कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी और मछुआ जातियां शामिल हैं। पंचायत मंत्री के इस ब्यान पर गरमाई सियासत, मुख्य सचिव को बताया निरंकुश कंडोम बनाने वाली इस कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने जा रही केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला एकनाथ शिंदे की कुर्सी पर मंडराया ख़तरा ! साथ आए बागी MLA कर सकते हैं 'घर वापसी'