लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सांप्रदायिक हिंसा के बाद, पुलिस विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए 29 पुलिसकर्मियों को सक्रिय ड्यूटी से हटा दिया है। इन पुलिसकर्मियों को हरदी और रामगांव थानों से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया है, और उनकी जगह नए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। हालांकि, बहराइच की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने इसे एक रूटीन कार्रवाई बताया है, लेकिन हटाए गए अधिकांश पुलिसकर्मी उन्हीं इलाकों से हैं जहां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़की थी। ऐसे में एसपी के इस कदम को, बवाल और उपद्रव के वक्त ढिलाई बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन के तौर पर देखा जा रहा है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, हरदी पुलिस स्टेशन से 14 और रामगांव पुलिस स्टेशन से 15 पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में स्थानांतरित किया गया है। इसे नियमित तबादले के रूप में बताया गया है, क्योंकि किसी थाने में सिपाहियों का दो साल का कार्यकाल होता है और उस अवधि के पूरा होने पर ये तबादले किए गए हैं। गौरतलब है कि इस हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा का पैतृक गांव रामगांव थाना क्षेत्र में आता है, जबकि उनकी हत्या का इलाका हरदी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में है। 13 अक्टूबर को महसी तहसील के महराजगंज क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव भड़क उठा और आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। पुलिस पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने हालात को सही ढंग से नहीं संभाला, जिससे स्थिति बिगड़ गई। इस लापरवाही के चलते पुलिसकर्मियों के तबादलों को एक सख्त कदम माना जा रहा है। शराबबंदी वाले बिहार में इंस्पेक्टर के घर मिली 22 बोतल विदेशी दारु, फरार हुए अफसर निकाह में छुहारे लूटने के लिए चले लात-घूंसे और बेल्ट, जमकर हुई मारपीट, Video महाराष्ट्र चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की चौथी लिस्ट, यहाँ देंखे