नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को सरकारी जमीन के गलत इस्तेमाल को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को दी गई सरकारी जमीन को वापस लेने के राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराया है। आजम खान ने इस मामले में सरकार के आदेश को चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट की बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाल और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे, ने कहा कि आजम खान ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए सरकारी जमीन को अपने परिवार के ट्रस्ट को पट्टे पर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस जमीन का आवंटन पहले सरकारी संस्था के लिए किया जाना चाहिए था, लेकिन इसे एक निजी ट्रस्ट को दे दिया गया, जो अनैतिक है। आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि लीज रद्द करने से पहले ट्रस्ट को कोई नोटिस नहीं दिया गया और इसे अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिला। हालांकि, कोर्ट ने इस पर सहमति नहीं जताई और कहा कि नोटिस जारी करना इस मामले में बड़ा मुद्दा नहीं है। सिब्बल ने यह भी बताया कि ट्रस्ट पिछड़ों और वंचितों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है, जिसमें केवल 20 रुपये लिए जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, लगभग 300 छात्रों को स्कूल छोड़ना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य शिक्षा विभाग उन बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करेगा। आजम खान वर्तमान में सीतापुर जेल में हैं, जहां उन्हें 2022 में हेट स्पीच मामले में सजा सुनाई गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी हाल ही में ट्रस्ट की अपील को खारिज कर दिया था। 2015 में ट्रस्ट को दी गई जमीन पर ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाया जाना था, लेकिन एसआईटी की जांच के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 2023 में लीज रद्द कर दी। दिल्ली में इस साल भी बिना पटाखों वाली दिवाली, 1 जनवरी तक बढ़ा प्रतिबंध आज रात से 'टोल फ्री' हो जाएगी मुंबई, शिंदे सरकार ने किया बड़ा ऐलान हावड़ा में भी दुर्गा पूजा के दौरान हमला, कट्टरपंथियों ने प्रतिमाएं तोड़ी, पंडाल जलाए, Video